* 22 वें तीर्थंकर श्री नेमिनाथ भगवान जी का जन्म एवं तप कल्याणक पर्व श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र छत्री मन्दिर पर मनाया गया
(महेन्द्र जैन भैयन)
शिवपुरी। जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ भगवान का 2801वां निर्वाण कल्याण महोत्सव रविवार श्रावण शुक्ला सप्तमी के अवसर पर पूरे भक्ति भाव के साथ जैन समाज द्वारा मनाया जाएगा। भगवान पारसनाथ का जन्म 2900 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश के बनारस शहर में महाराज अश्वदेव जी एवं माता वामादेवी जी के यहाँ हुआ था। राजकुमार पार्श्वकुमार ने विवाह के बंधन को स्वीकार ना करके अपने जीवन को मोक्ष मार्ग में लगा दिया था। उनकी आयु 100 वर्ष की थी।अनेक वर्षों तक तप करने के उपरांत उनका निर्वाण श्रावण शुक्ला सप्तमी के दिन श्री सम्मेद शिखर जी के सर्वोच्च शिखर श्री स्वर्णभद्र कूट से हुआ था।जिसे जैन समाज मोक्ष कल्याणक के रूप में मनाती है। पूरे भारत और विश्व के अनेक देशों में जहां पर जैन समाज है वहाँ श्री पार्श्वनाथ भगवान का निर्वाण कल्याण महोत्सव पूरे उत्साह के साथ मनाती है। महेन्द्र जैन भैयन ने बताया की श्रावण शुक्ला सप्तमी को जैन समाज के लाखों श्रद्वालु श्री सम्मेद शिखर जी की वंदना करते हैं और स्वर्णभद्र टोंक ( शिखर) से मोक्ष पधारे श्री पार्श्वनाथ भगवान जी की टोंक पर जाकर उनकी वंदना एवं पूजा करते हैं। श्री सम्मेद शिखर जी के साथ ही पूरे भारत में यह मोक्ष कल्याणक अति उत्साह के साथ मनाया जाता है। शिवपुरी में भी श्री पार्श्वनाथ भगवान जी का मोक्ष कल्याणक महोत्सव का मुख्य कार्यक्रम श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन छत्री मंदिर अतिशय क्षेत्र शिवपुरी पर मनाया जाएगा। यहाँ पर बाल ब्र.श्री मनोज जैन लल्लन भैया एवं पं श्री सुगन चंद्र जैन के प्रतिष्ठाचार्यत्व में श्री ख्यालीचंद जैन,अरविंद जैन,अनिल जैन,अजय जैन सिंघई परिवार द्वारा श्री सिद्धचक्र महा मण्डल विधान का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें रविवार 11 अगस्त को प्रातः काल 8 बजे हजारों वर्ष प्राचीन मूलनायक श्री पार्श्वनाथ भगवान का अभिषेक एवं शांतिधारा होगी। इसके उपरांत सामूहिक पूजन करके श्री पार्श्वनाथ भगवान जी को निर्वाण लाडू समर्पित किया जाएगा। इसके साथ ही श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर पुरानी शिवपुरी पर पंडित श्री सुगननचंद जैन के निर्देशन में भगवान का अभिषेक पूजन करके निर्वाणन लाङू समर्पित किया जाएगा। महेंद्र जैन भैयन ने बताया की 23 वें तीर्थकर श्री पार्श्वनाथ भगवान के भारत के साथ साथ विदेशों में भी अनेक स्थानों पर है जैन मन्दिर हैं जहां पर रहने वाले जैन श्रद्धालु उनकी पूजा पाठ करते हैं। आज शनिवार श्रावण शुक्ल छठमी को 22 वें तीर्थंकर श्री नेमिनाथ भगवान का जन्म एवं तप कल्याणक पर्व श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र छत्री मन्दिर पर मनाया गया।

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