विद्यार्थियों, ग्रामीणों के निश्चल प्रेम के आंसुओं का कर्ज चुका पाना इस जीवन में संभव नहीं: अवस्थी
शिवपुरी। एक तरफ शिक्षक स्कूल जाने तक से कतराते हैं। कुछ देरी से जाते हैं और जल्द वापिस आ जाते हैं। बच्चों को शिक्षा तो दूर महज रस्म अदायगी करते हैं। कुछ शिक्षकों ने दूसरे व्यवसाय खोल रखे हैं और स्कूल नाम मात्र के लिए जाकर वेतन लेने में मस्त हैं। तो दूसरी तरफ चंद शिक्षक मिसाल हैं जिनकी कर्तव्य निष्ठा के परिणाम स्वरूप उनके स्कूल का परिणाम टॉप रहता हैं और बच्चे अच्छी शिक्षा हासिल कर उनके प्रति ह्रदय की गहराइयो से जुड़ाव रखने लग जाते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा बीते दिनों शा.मा.वि.बक्सपुर (बदरवास) जिला
 तरफ चंद शिक्षक मिसाल हैं जिनकी कर्तव्य निष्ठा के परिणाम स्वरूप उनके स्कूल का परिणाम टॉप रहता हैं और बच्चे अच्छी शिक्षा हासिल कर उनके प्रति ह्रदय की गहराइयो से जुड़ाव रखने लग जाते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा बीते दिनों शा.मा.वि.बक्सपुर (बदरवास) जिला शिवपुरी में देखने को मिला जब लगातार इसी स्कूल में 23 वर्ष सेवा देने के उपरांत उच्च पद प्रभार के लिए शिक्षक गोविंद
 शिवपुरी में देखने को मिला जब लगातार इसी स्कूल में 23 वर्ष सेवा देने के उपरांत उच्च पद प्रभार के लिए शिक्षक गोविंद अवस्थी रिलीव हुए तो नजारा देखते ही बना। बच्चों की आखों से अश्रुधारा फूट पड़ी जो अविरल बहती दिखाई दी।
 अवस्थी रिलीव हुए तो नजारा देखते ही बना। बच्चों की आखों से अश्रुधारा फूट पड़ी जो अविरल बहती दिखाई दी। आलम ये हुआ की खुद शिक्षक गोविंद अवस्थी की आंखे भी भीग गई। जिसने ये नजारा देखा वह शिक्षक गोबिंद अवस्थी को शिक्षा और स्कूल के साथ बच्चों के
 आलम ये हुआ की खुद शिक्षक गोविंद अवस्थी की आंखे भी भीग गई। जिसने ये नजारा देखा वह शिक्षक गोबिंद अवस्थी को शिक्षा और स्कूल के साथ बच्चों के लिए प्रतिबद्धता की तारीफ करता रहा। वास्तव में ऐसे विरले शिक्षक आज समाज को एक दिशा देने का काम कर रहे हैं।
 लिए प्रतिबद्धता की तारीफ करता रहा। वास्तव में ऐसे विरले शिक्षक आज समाज को एक दिशा देने का काम कर रहे हैं। 
खुद शिक्षक अवस्थी ने विदाई के लम्हे याद करते हुए लिखा
शा.मा.वि.बक्सपुर (बदरवास) जिला शिवपुरी में 23 वर्ष सेवा उपरांत उच्च पद प्रभार हेतु विद्यालय से विदा होना जीवन का अत्यंत पीड़ादायक और भावविभोर कर देने वाला समय था। विद्यार्थियों और ग्रामीणों के बिलख बिलख कर रोने से उनके निकल रहे आंसुओं ने ह्रदय को विदीर्ण कर दिया। विद्यार्थियों, उनके पालकों तथा समस्त ग्रामीणों और भाई समान स्टाफ के निश्चल अटूट प्रेम और
 कर देने वाला समय था। विद्यार्थियों और ग्रामीणों के बिलख बिलख कर रोने से उनके निकल रहे आंसुओं ने ह्रदय को विदीर्ण कर दिया। विद्यार्थियों, उनके पालकों तथा समस्त ग्रामीणों और भाई समान स्टाफ के निश्चल अटूट प्रेम और लगाव ने ह्रदय को झकझोर दिया। इनके अथाह प्रेम के अहसान को इस जीवन में चुकाना संभव ही नहीं है।
 लगाव ने ह्रदय को झकझोर दिया। इनके अथाह प्रेम के अहसान को इस जीवन में चुकाना संभव ही नहीं है।
पूर्व विधायक वीरेंद्र ने सराहा
कोलारस के पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने भी अवस्थी की तारीफ की। कहा की आप जेसे शिक्षक बच्चों का भविष्य बनाते हैं। अब आप ने स्कूल जा रहे हैं वहां भी कमाल करेंगे। शुभकामनाएं।
डॉक्टर अजय खेमरिया ने लिखा 
सरकारी शिक्षक की एक भूमिका ऐसी भी हो सकती है समाज में
मित्र Govind Awasthi ने शिक्षक के चरित्र को प्रमाणिकता के साथ जिया हैं। पूरा गांव जिस आत्मीयता से उनके लिए खड़ा हुआ वह अभिनंदनीय तो है ही सरकारी शिक्षकों के लिए अनुकरणीय भी है। शिक्षक चाहें तो भारत की तस्वीरों में रंग भर सकते हैं।
सामाजिक सरोकार में भी आगे
अवस्थी जी न सिर्फ शिक्षा बल्कि सामाजिक सरोकार में भी आगे रहते हैं। इलाके में रेल सुविधाओं की बढ़ोत्तरी के लिए प्रयास करने से लेकर गर्मी में रेल यात्रियों को पेयजल सुलभ कराने का काम भी शिक्षक गोविंद अवस्थी ने किया।
धमाका के एडिटर इन चीफ शुक्ला ने कहा, एक तरफ शिक्षकों के एक बड़े वर्ग की वजह से सरकारों का भरोसा शिक्षक ही नहीं बल्कि सरकारी भर्ती से उठा हैं तो दूसरी तरफ गोविंद अवस्थी जैसे शिक्षक मिसाल बनकर सामने हैं जिनकी विदाई आशुओं के सैलाब के बीच हुई। ये लम्हा उनकी स्कूल, शिक्षा और बच्चों के प्रति समर्पण को दर्शाने काफी हैं। 
 
 
 











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