शिवपुरी। शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को कैंडल मार्च निकाल कर सभी डॉक्टर्स ने बीते दिनों कोलकाता के आईजी कर कॉलेज में हुए हत्याकांड और दरिंदगी पर आपन गुस्सा जाहिर किया। बता दे की कोलकाता केआरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से हुई हैवानियत पर पूरे देश के चिकित्सक गुस्से में हैं। मामले की सीबीआई जांच होगी। इधर दिल्ली, रांची, जयपुर, जैसे शहरों के साथ शिवपुरी में भी डॉक्टर्स अपना
गुस्सा जाहिर किया हैं औ वही देश केडॉक्टर्स सभी एकसुर में आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। और आप को बताए की देश में कही
न कही पूरी मेडिकल सेवाएं ठप हो गई हैं। वही शिवपुरी में भी सभी डॉक्टर्स ने कैंडल मार्च निकाले और विरोध प्रदर्शन करते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया और
महिला डॉक्टर के साथ रेप और फिर हत्या मामले न्याय दिलाने की मांग की. केंण्डल मार्च मे मेडिकल कॉलेज के मेडिकल टीचर्स, रेजिडेंट डॉक्टर, इंटर्न डॉक्टर व समस्त एमएमबीबीएस मेडिकल स्टूडेंट शामिल हुए। जिसमें मेडिकल कॉलेज की Dr.इला गुजरिया ,Dr.मानबहादुर, Dr.शिल्पा मोटघरे,Dr.रमन ओहारी,Dr.जीतेन्द्र चौरसिया,Dr.आयुषी अग्रवाल,Dr.अंकित अग्रवाल,Dr.अनुज दीक्षित,Dr.पीयूष गुप्ता आदि सभी शामिल रहे।
डॉक्टरो की प्रमुख मांगे
1.मामले की निष्पक्ष गहन जांच हो और दोषियों को सजा दिलाई जाए.
2.किन वजहों से अपराध को अंजाम दिया गया, उसकी विस्तृत जांच हो.
3.अस्पतालों में डॉक्टरों खास तौर पर महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं.
4.डॉक्टरों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय डॉक्टर सुरक्षा अधिनियम लागू किया जाए.
वही पश्चिम बंगाल से ममता सरकार इस रेप के बाद हत्याकांड मामले में बैकफुट पर है। बीजेपी इस केस की जांचस सीबीआई को सौंपने को कह रही है तो वहीं सीएम ममता आरोपी को फांसी दिलवाने की बात कह चुकी हैं। इस बेहद गंभीर मामले में कानूनी कार्रवाई के साथ राजनीति भी अपना खेल रही है। मामला कलकत्ता हाई कोर्ट भी पहुंच गया है।
आईये आपको बताते है पूरा मामला
दरिंदगी-हत्या से मामला सीबीआई को दिए जाने तक, डॉक्टर हत्याकांड में क्या- क्या हुआ?
इन दिनों देशभर में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज- अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना के बाद डॉक्टर सड़कों पर हैं। पश्चिम बंगाल समेत देशभर की तमाम अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं।अब कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी दस्तावेज तत्काल केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने के निर्देश भी दिए हैं। इस घटना को लेकर विपक्षी दल भी राज्य सरकार को घेर रहे हैं।
बीते दिनों कोलकाता के अस्पताल की घटना क्या है? घटना का खुलासा कैसे हुआ? पुलिस ने मामले में क्या-क्या कार्रवाई की है? विरोध प्रदर्शन करने वालों
की मांग क्या है? विपक्ष इस घटना पर क्या कह रहा है? सरकार ने क्या प्रतिक्रिया दी? आइये जानते हैं पूरे घटनाक्रम क्या है
8 अगस्त
आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना 8-9 अगस्त की दरमियानी रात की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। यह घटना कोलकाता शहर के लालबाजार में घटी जो एक भीड़भाड़ वाला इलाका है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जूनियर डॉक्टर 8 अगस्त को अस्पताल में रात की ड्यूटी कर रही थीं। रात 12 बजे के बाद उन्होंने दोस्तों के साथ डिनर भी किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला।
9 अगस्त
सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ। घटनास्थल से मृतक का मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया गया।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि
पोस्टमॉर्टम की शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। जूनियर महिला डॉक्टर का शव गद्दे पर पड़ा हुआ था और गद्दे पर खून के धब्बे मिले। मृतक के मुंह और दोनों आंखों से खून बहा था। गुप्तांगों पर
खून के निशान और चेहरे पर नाखून के निशान पाए गए। होठ, गर्दन, पेट, बाएं टखने और दाहिने हाथ की उंगली पर चोट के निशान थे।
पीड़िता के परिवार ने दुष्कर्म और हत्या की शिकायत दी
महिला डॉक्टर की हत्या की जानकारी होने के बाद 9 अगस्त की सुबह अस्पताल प्रबंधन ने पीड़िता के परिजन को फोन
किया। जब पीड़िता का परिवार घटनास्थल पर पहुंचा तो हैरान था। महिला डॉक्टर के पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर की गई। पीड़िता के पिता ने 9 अगस्त को स्थानीय तला पुलिस स्टेशन में दुष्कर्म और हत्या की शिकायत की जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।
हत्याकांड के विरोध में पूरे पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले
की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करवाने और दोषी को मौत की सजा दिलाने की बात कही। वहीं, एसआईटी ने 9 अगस्त की रात को अस्पताल में तैनात एक सिविक वालंटियर (जो प्रशासन की सहायता करता है) को पूछताछ के लिए उठा लिया।
10 अगस्त
सुबह महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोप में संजय रॉय नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया गया। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक अज्ञात पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति की गतिविधियां काफी संदिग्ध हैं और ऐसा लगता है कि वह सीधे तौर पर अपराध में शामिल है। आरोपी ब्लूटूथ हेडफोन के टूटे तार से पकड़ा गया था जो पुलिस को सेमिनार कक्ष में गिरा मिला था।
दोपहर को एसीपी मुरली धर ने बयान जारी कर कहा कि यह हत्या और दुष्कर्म का मामला है। मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस की जांच सही दिशा में चल रही है। वहीं इसी दिन शाम को कोलकाता के सीपी विनीत कुमार गोयल ने बताया कि पीड़िता का पोस्टमॉर्टम कर लिया गया है और इसकी वीडियोग्राफी कराई गई है। सभी सबूतों को जांचा परखा गया है और इसी आधार पर एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है।
11 अगस्त
देशभर में जारी विरोध के बीच, कोलकाता के सीपी गोयल ने घटना वाले अस्पताल का दौरा किया और प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों से मुलाकात की। सीपी ने जानकारी दी कि उन्होंने पीड़िता के परिवार से भी मुलाकात की और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट उन्हें सौंप दी गई। कॉलेज के छात्रों की मांग थी कि घटना की रात जिस एसीपी चंदन गुप्ता की ड्यूटी थी उन्हें हटाया जाए। सीपी गोयल ने बताया कि एसीपी चंदन गुप्ता को हटा दिया गया है। इसी दिन बंगाल सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल के कई विभागों में फेरबदल किए।
12 अगस्त
देशभर में डॉक्टरों का विरोध और तेज हो चुका था। इस बीच आरजी कर मेडिकल कॉलेज- अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसी दिन फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्र से मुलाकात की। एसोसिएशन के महासचिव सर्वेश पांडे ने कहा कि उनकी मांग है कि मामले की सीबीआई जांच हो, फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो और केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत एक समिति बनाई जाए। पांडे ने बताया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक देशव्यापी हड़ताल जारी रहेगी। देशभर के तीन लाख से ज्यादा डॉक्टर विरोध में शामिल हो गए हैं।
डॉक्टरों और एक हाउस स्टाफ से पूछताछ, अदालत में याचिका
कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार में तीन जूनियर डॉक्टरों और एक हाउस स्टाफ को तलब किया गया। ये सभी घटना की रात ड्यूटी पर थे। इसी दिन पश्चिम बंगाल भाजपा नेता और कलकत्ता उच्च न्यायालय के अधिवक्ता कौस्तव बागची ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। याचिका में घटना की सीबीआई जांच की मांग की गई। साथ ही सभी मेडिकल कॉलेजों और रेस्ट रूम में उचित सुरक्षा के साथ सीसीटीवी लगाने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री का बंगाल पुलिस को अल्टीमेटम
मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी ने बंगाल पुलिस को अल्टीमेटम दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस को आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर रविवार तक पुलिस मामले को नहीं सुलझा पाता है तो हम केस को सीबीआई को सौंप देंगे। वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार से मामले में सख्त कार्रवाई करने और न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
13 अगस्त
पुलिस ने मृतक डॉक्टर के साथ डिनर करने वाले चार जूनियर डॉक्टरों को फिर से तलब किया। कोलकाता पुलिस ने एचओडी, असिस्टेंट सुपरवाइजर, पुरुष-महिला नर्स, ग्रुप-डी स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों को भी कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार में तलब किया।
राष्टीय महिला आयोग का दौरा
राष्टीय महिला आयोग की टीम ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल बलात्कार का दौरा किया। अधिकारियों और छात्रों के प्रतिनिधियों से बात की। अधिकारियों ने छात्रों की मांगों के संबंध में कुछ दिनों का समय मांगा है ताकि मांगें पूरी की जा सकें। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) ने मंगलवार को देशभर में ओपीडी बंद का एलान किया है। दिल्ली समेत एनसीआर में भी डॉक्टरों का विरोध प्रट जारी है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सुनवाई, प्रिंसिपल को लगी फटकार
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कई याचिकाओं पर सुनवाई की, जिनमें से एक याचिका पीड़िता माता-पिता की भी थी, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की मौत की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की थी। न्यायालय ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रमुख डॉ. संदीप घोष की आलोचना करते हुए उन्हें आवश्यक अवकाश लेने का निर्देश दिया है। अदालत ने डॉक्टर के माता- पिता को सूचित करने में देरी और सरकार द्वारा डॉ. घोष के कथित बचाव पर भी सवाल उठाए।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। एनएचआरसी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिए। कोर्ट ने मामले से जुड़ सभी दस्तावेज तत्काल केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने के निर्देश भी दिए हैं। अब मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होंगी।

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