शिवपुरी। आउटसोर्स कर्मचारी जिन्हें मध्य प्रदेश शासन द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत महाविद्यालय में कार्य करने के लिए नाम मात्र के वेतन पर नियुक्त किया गया है उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। साथ ही अतिथि विद्वानों को भी डीडीओ प्रभार के हस्तांतरण के कारण पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला है।आउटसोर्स कर्मचारियों एवं अतिथि विद्वानों को समय पर वेतन न मिलने के कारण उन्हें परिवार संचालन एवं अपने खर्चों के लिए अन्य लोगों से कर्ज लेकर अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है, जिससे उन पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है, जो चिंतनीय है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोलारस अंचल के शासकीय श्रीमंत माधवराव सिंधिया महाविद्यालय कोलारस, शिवपुरी में लगभग पिछले 7-8 महीने से आउटसोर्स कर्मचारियों को विभिन्न कारणों के चलते वेतन प्राप्त नहीं हो पाया है। कभी शासन स्तर से बजट नहीं आता तो कभी महाविद्यालय स्तर से बजट को प्रयोग करने की तैयारी पूरी नहीं होती है। इस कारण उन्हें अभी तक समयानुसार प्रतिमाह वेतन प्राप्त नहीं हो पा रहा है। साथ ही महाविद्यालय में कार्यरत अतिथि विद्वानों को डीडीओ प्रभार के हस्तांतरण के कारण पिछले दो माह से वेतन प्राप्त नहीं हो पाया है।
मध्य प्रदेश शासन का इस संबंध में स्पष्ट पत्र पूर्व में जारी हो चुका है कि समस्त शासकीय विभागों में कार्यरत कर्मचारी किसी भी स्तर का हो उसे प्रतिमाह वेतन प्रदान करना सुनिश्चित किया जाए। वेतन समय पर कर्मचारियों को उपलब्ध कराने के लिए शासन स्तर पर ग्लोबल बजट भी प्रदान किया जाता है। वेतन संबंधी विसंगति स्थाई कर्मचारियों को छोड़कर अन्य कर्मचारियों के मामले में लगातार देखने को मिल रही है जो कहीं ना कहीं मध्य प्रदेश शासन के आदेश की अवहेलना को उजागर करती है।

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