नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में नीट मामले में अधिवक्ता यशस्वी एसके चौकसे को बड़ी सफलता मिली है। कोर्ट ने उनके द्वारा प्रस्तुत किए हस्तक्षेप आवेदन (intervention application) को स्वीकार करते हुए पुनः नीट परीक्षा ना कराने का फैसला सुनाया है। आवेदिका गौरी मित्तल पुत्री रविन्द्र मित्तल शिवपुरी की ही एक छात्रा है जो पिछले तीन वर्षों से इस परीक्षा की तैयारी कर रही थी। आवेदिका द्वारा पुनः परीक्षा ना कराने के लिए हस्तक्षेप आवेदन लगवाया गया था जिसे माननीय उच्चतम न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है।इस मामले में अधिवक्ता यशस्वी एसके चौकसे ने अपने मुवक्किल के पक्ष में जोरदार पैरवी की। उनके द्वारा प्रस्तुत कानूनी दलीलों ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को प्रभावित किया, और इसके परिणामस्वरूप आवेदिका को बड़ी राहत मिली है।
अधिवक्ता यशस्वी एसके चौकसे की इस जीत को कानूनी समुदाय में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, "यह निर्णय न केवल मेरे मुवक्किल के लिए, बल्कि देश के सभी छात्रों के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"
बता दें की दिल्ली उच्च न्यायालय के होनहार, युवा एडवोकेट यशस्वी चौकसे का MP की पर्यटन नगरी शिवपुरी से नाता है। आप ख्यातिनाम स्टोन व्यवसाई सुरेश चौकसे जी के सुपुत्र एवम माईन ओनर नितिन चौकसे के अनुज हैं। जिन्होंने शिवपुरी का नाम जिले के एक और युवा एडवोकेट निपुण सक्सेना की तरह रोशन किया है।

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