SHIVPURI शिवपुरी। वर्तमान में ही नहीं बल्कि पूर्व में भी 'भ्रष्टाचार' का बोल बाला रहा है जिसके नतीजे आम जनता को भुगतना पड़ रहे हैं, हम बात कर रहे हैं शहर से सटे 'नया वायपास' की जिसका निर्माण ही शनि की ढ़ईया में हुआ लगता है वह बनने के बाद से ही भारी वाहनों के अनुकूल नहीं रहा और नतीजे में कभी ब्रिज तो कभी सड़क में ट्रक समाते रहे हैं। हर बार करोड़ों फूँककर रिपेयरिंग की जाती है लेकिन वह चार महीने भी ठीक से नहीं चलता और ट्रेफिक शहर की थीम रोड से निकलता है, जो शहर की ड्रीम रोड है और हेवी ट्रेफिक से लगातार निपट रहीं है। अब नया वायपास ज़ब 'एक साथ तीन जगह' 'चौथी बार डेमेज', हुआ है तो उसके नतीजे में 'NHAI का दंश 'PWD' को फिर झेलना पड़ रहा है जिसने हाल ही में बारिश के बाद थीम रोड रिपेयर की है। हालात ये हैं की नया वायपास डेमेज होने से 'नगर की थीम रोड को हर रात भारी वाहन' रोंदते दौड़ लगा रहे हैं, इससे एक तरफ थीम रोड निपटेगी तो दूसरी तरफ शहर के थीम रोड और पुराने वायपास पर हेवी ट्रेफिक से 'त्यौहार पर जन की जान पर भी संकट' बढ़ गया है। आइये बताते हैं क्या हुआ नए वायपास का हाल।
* पिपरसमां आरओबी की एप्रोच रोड धंसकी, 8.50 करोड़ रु. फिर फूंके जा रहे
* फोरलेन बायपास 3 जगह वन-वे, क्योंकि तीनों जगह सड़क धंसकी
शहर का नया फोरलेन बायपास रोड इन इन दिनों तीन जगह वन-वे चल रहा है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ बल्कि फोरलेन बनने के साथ ही सड़क की हालत खराब होने लगी थी। जान-बूझकर एनएचएआई अधिकारी मामले को दबाते रहे। अब फोरलेन एक साथ तीन जगह निपट गया है जिसके चलते परेशानी हो रही है। बता दें की पिपरसमां पर धसकी सड़क का काम धीमी गति से चल रहा है। सिंहनिवास तालाब के पास दूसरी साइड की पुलिया का काम भी धीमा है। वहीं, नौहरीकलां आरओबी को यूं ही छोड़ दिया है। इन तीनों ही जगह ट्रैफिक वन-वे रहने से वाहन चालकों को काफी समस्या हो रही है।
एस्सेल इन्फ्रा कंपनी के फफोले फोड़ रहे हम
जानकारी के मुताबिक बीओटी प्रोजेक्ट के तहत 1055 करोड़ लागत से ग्वालियर से शिवपुरी तक 125.3 किमी का काम एस्सेल इन्फ्रा कंपनी को मिला था। इसमें शिवपुरी शहर से बाहर 17 किमी का फोरलेन बायपास भी शामिल है लेकिन ठेकेदार ने टोल वसूली में नुकसान हुआ तो खुद को टर्मिनेट करा लिया। फिर एनएचएआई ने टेंडर निकालकर दूसरे ठेकेदार से फोरलेन बायपास का 22 करोड़ का बैलेंस वर्क का काम पूरा कराया लेकिन दोनों ही ठेकेदारों ने गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा। जिसके चलते पिपरसमां आरओबी की एक साइड की एप्रोच रोड धसकने लगी। इसका 8.50 करोड़ रुपए का टेंडर अलग से कराया है। इसी तरह - सिंहनिवास तालाब के नजदीक पुलिया का काम चल रहा है। नौहरीकलां आरओबी का एप्रोच - स्लैब ढहने से एक साइड से ट्रैफिक चालू है। हालात यह हैं कि नो एंट्री रात 11 बजे खत्म होते ही हैवी ट्रैफिक 'थीम रोड पर दौड़ने लगता है जिससे हादसे का डर बना हुआ है।
फोरलेन पर यह 3 स्थान जहां ट्रैफिक वन-वे और मौजूदा हालात
1. पिपरसमां आरओबी
• मौजूदा स्थिति: आरओबी को
जोड़ने वाली एप्रोच रोड एक साइड से धंसकी हुई है, जिसका काम धीमी गति से चल रहा है। दूसरी साइड से सारा ट्रैफिक निकल रहा है लेकिन दूसरी साइड में गड्ढे हो गए हैं और रोड भी धंसक गई है। वाहन झुकते दिखते हैं, कई बार वाहन पलट चुके हैं, जिससे ट्रैफिक जाम होता है। पहली साइड की रोड बनने के बाद ही समस्या का हल निकलेगा।
2. सिंहनिवास तालाब के पास
मौजूदा स्थिति : तीन साल पहले भारी बारिश के चलते सिंहनिवास तालाब का पानी ओवरफ्लो होकर सड़क से बहने लगा। पहले यहां पुलिया नहीं बनी थी। बहाव से सड़क में कटाव हुआ तो दो टूक नाले में समा गए हालांकि जनहानि नहीं हुई। यहां पुलिया बन रही है। एक साइड कंप्लीट होने से ट्रैफिक चालू है, दूसरी साइड पर काम की रफ़्तार धीमी है।
3. नौहरीकलां आरओबी
मौजूदा स्थिति: एक साइड
एप्रोच स्लैब के नीचे मिट्टी धंसक गई है। इसलिए ग्वालियर से आने वाला सारा ट्रैफिक दूसरी साइड से ही निकल रहा है। एप्रोच स्लैब के नीचे वाले हिस्से का काम अभी तक चालू नहीं हुआ है, जिससे यहां ट्रैफिक आगे भी लंबे समय तक वन रहने के आसार साफ नजर आ रहे हैं। दूसरी साइड भी आरओबी में छेद हो गए, नीचे से प्लेट लगाकर जुगाड़ बिठाई है।
ये बोले महा प्रबंधक
• नौहरीकलां आरओबी का टेंडर हो गया है, जल्द ही ठेकेदार को वर्क ऑर्डर जारी कर काम चालू कराएंगे। पुलिया का काम भी जल्द पूरा करवा रहे हैं। पिपरसमां आरओबी एप्रोच रोड का काम बरसात की वजह से रुका था, जिसे जल्द पूरा कराएंगे। एप्रोच रोड के भराव में काली मिट्टी निकली है, पुराने ठेकेदार के खिलाफ एक्शन ले रहे हैं।
उमाकांत मीणा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचआई ग्वालियर

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें