पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के निज सचिव उमेश गर्ग ने इस वीडियो को लेकर सोमवार को भोपाल क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज कराई है। क्राइम ब्रांच ने बीएनएस की धारा 336(4) और 356 (2) के तहत अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया है।
उमा भारती के निज सचिव ने अपनी शिकायत में लिखा है किसी ने जानबूझकर पूर्व सीएम की छवि धूमिल करने के मकसद से ये हरकत की है। जिस वीडियो को लेकर क्राइम ब्रांच को शिकायत की गई है, वह 45 सेकंड का है। उसके वॉइसओवर कहा गया है कि 'यह एक ऐसी आईपीएस अफसर हैं, जो मुख्यमंत्री के काले कारनामे देखने उनके ही घर नौकरानी बनकर पहुंच गई लेकिन बाद में जो हुआ उसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे। 40 सेकेंड रुकिए।
2000 बैच की तेजतर्रार आईपीएस अफसर दीपा दिवाकर मौदगिल उर्फ डी रूपा जिस राज्य में होती हैं, वहां कोई भी कानून का उल्लंघन नहीं कर सकता। यह चर्चा में तब आ गईं जब इन्हें पता चला कि मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ठेकेदारों से जबरदस्ती पैसे मांग रहीं हैं।
तभी रूपा जी मुख्यमंत्री के घर नौकरानी बनकर पहुंच गईं। जैसे ही उन्होंने मुख्यमंत्री को ठेकेदारों से पैसे मांगते देखा तभी रुपा जी ने अपना असली चेहरा दिखाया तो सभी के होश उड़ गए। आईपीएस अफसर डी रूपा ने मुख्यमंत्री को उनके ही घर से गिरफ्तार कर लिया। अब आप बताइए क्या हर आईपीएस ऑफिसर को अपना काम ऐसी ही ईमानदारी से करना चाहिए।
निज सचिव ने अपनी शिकायत में लिखा
"किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा यह रील जानबूझकर, शरारतवश पूर्व सीएम और भाजपा की वरिष्ठ नेता की छवि धूमिल करने, उनकी मानहानि करने की नीयत से फोटो और वीडियो में काट-छांट कर एडिट कर तथ्यहीन जानकारी यूट्यूब पर अपलोड कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की है।
जान लीजिये कौन हैं आईपीएस डी रूपा
डी रूपा साल 2000 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं। अभी वह कर्नाटक में पोस्टेड हैं।
उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 43 हासिल की थी। पहली पोस्टिंग धारवाड़ जिले में हुई थी।
डी. रूपा अपने राज्य में गृह सचिव के पद पर आसीन होने वाली पहली महिला हैं। वह देश की पहली महिला पुलिस अधिकारी भी हैं, जिन्हें पुलिस डिविजन में साइबर क्राइम की कमान सौंपी गई थी।
कर्नाटक से जुड़ा उमा का ये विवाद दरअसल, 15 अगस्त 1994 को कर्नाटक के हुबली शहर में ईदगाह पर उमा भारती ने कथित रूप से झंडा फहराया था। करीब 10 साल बाद उमा भारती के खिलाफ वारंट जारी किया गया था। उस वक्त उमा भारती मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री थीं। वे सीएम पद से इस्तीफा देकर कर्नाटक गईं और वहां कोर्ट में पेश हुई थी।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें