शर्मा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में साफ तौर पर कहा कि गरबा एक धार्मिक उत्सव है, जिसमें देवी दुर्गा की आराधना की जाती है। यह सिर्फ एक सांस्कृतिक नहीं बल्कि धार्मिक आयोजन है, जहां हिन्दू परंपराओं और मर्यादाओं का पालन अनिवार्य है। उन्होंने कहा, "गरबा में दूसरे धर्म के लोग, जो इस आयोजन से सांस्कृतिक या धार्मिक रूप से जुड़ाव नहीं रखते, अक्सर गलत नीयत से आते हैं। यह हमारी बहन-बेटियों की सुरक्षा और उनकी गरिमा के लिए गंभीर खतरा है।"
धैर्यवर्धन शर्मा ने अपने पोस्ट में स्पष्ट किया कि उनके विरोध का उद्देश्य किसी विशेष समुदाय का अपमान नहीं है, बल्कि यह उनकी बहन-बेटियों की सुरक्षा और हिंदू धार्मिक आयोजनों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए है। उन्होंने कहा कि अगर "शहर काजी, बड़े अफसर या प्रतिष्ठित नागरिक" सपत्नीक आते हैं। तो उनका स्वागत है, क्योंकि वे हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों का सम्मान करते हैं। लेकिन उन्होंने इस पर जोर दिया कि "साधारण" लोग, जो अक्सर बिना किसी सांस्कृतिक सम्मान के आते हैं, उन्हें इस तरह के आयोजनों से दूर रहना चाहिए। धैर्यवर्धन शर्मा की इस सख्त टिप्पणी को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) का भी समर्थन मिला है। विहिप ने पहले ही नक्षत्र होटल में आयोजित गरबा कार्यक्रम में "दूसरे धर्म" के लोगों को बुलाने के खिलाफ पुलिस को ज्ञापन सौंपा था। विहिप का मानना है कि इस तरह के धार्मिक आयोजनों में बाहरी तत्वों का प्रवेश हिंदू संस्कृति पर हमला है, और इसे किसी भी कीमत पर रोकना चाहिए।
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