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#धमाका न्यूज: 1.08 लाख करोड़ रुपए की लागत वाले बुलेट ट्रेन के पुल का कुछ हिस्सा गिरा

मंगलवार, 5 नवंबर 2024

/ by Vipin Shukla Mama
गुजरात। गुजरात के आणंद में 1.08 लाख करोड़ रुपए की लागत वाले बुलेट ट्रेन के लिए बनाए जा रहे ट्रैक के निर्माणाधीन पुल का कुछ हिस्सा गिर गया है। पुल के मलबे में कुछ लोगों के दबे होने की जानकारी मिली है।
आणंद जिले के पुलिस अधीक्षक जी. जी. जसानी ने बताया कि वासद के पास बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट चल रहा था, जिसमें लोहे की जाली गिरने से तीन से चार मजदूरों के दबने की सूचना मिली थी। 2 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि एक मजदूर को बचा लिया गया है। अभी एक मजदूर के फंसे होने की आशंका है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
बुलेट ट्रेन के 12 पुलों का निर्माण पूरा हो चुका
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन गलियारे के लिए गुजरात में कुल 20 नदी पुल में से 12 का निर्माण पूरा हो गया है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि गुजरात के नवसारी जिले में खरेरा नदी पर 120 मीटर लंबा पुल हाल में पूरा हुआ है। इसके साथ ही 12 पुल का निर्माण पूरा कर लिया गया है।
508 किलोमीटर लंबा है ट्रैक
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन गलियारा कुल 508 किलोमीटर लंबा है। इस प्रोजेक्ट में गुजरात का 352 किलोमीटर और महाराष्ट्र का 156 किलोमीटर हिस्सा शामिल है। इसमें मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, अहमदाबाद, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, नडियाद और साबरमती जैसे कुल 12 स्टेशन बनाने की योजना है। इससे पहले NHSRCL ने नवसारी के सिसोदरा गांव में स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 48 पर 210 मीटर प्रीस्ट्रेस्ड कंक्रीट (पीएससी) पुल के पूरा होने की घोषणा की थी। यह स्पैन-बाय-स्पैन (एसबीएस) मेथड का उपयोग करके राजमार्ग पर निर्मित दूसरा पीएससी बैलेंस्ड कैंटिलीवर पुल है। इस पुल में 72 प्रीकास्ट सेगमेंट और चार स्पैन हैं. दो स्पैन 40 मीटर वाले और अन्य दो 65 मीटर वाले. वहीं, दूसरी तरफ राजमार्ग के दोनों ओर ट्रैफिक लेन बने हुए हैं।
मुंबई से अहमदाबाद के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने को लेकर नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड दिन रात एक किए हुए है. NHSRCL ने जिस 12 वें पुल का निर्माण सफलतापूर्वक किया है उसकी लंबाई 120 मीटर है।
अलग से बनाई कंपनी 
केंद्र सरकार ने कंपनी एक्ट 2013 के तहत 12 फरवरी, 2016 को बुलेट ट्रेन के लिए अलग से ये NHSRCL कंपनी बनाई थी। हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन, रखरखाव और मैनेजमेंट का जिम्मा NHSRCL के पास है। 
प्रोजेक्ट के लिए 25 हजार लोगों की जरुरत
बुलेट ट्रेन ऑपरेशन से 25 हजार से ज्यादा स्टाफ की जरुरत होगी। इनमें लोकोमोटिव ड्राइवर, गार्ड, स्टेशन स्टाफ, ऑपरेशन कंट्रोल रूम स्टाफ, मेंटेनेंस और टेक्निकल कामों के लिए 4,000 लोग चाहिए होंगे। ट्रेनों के मेंटेनेंस के लिए साबरमती में बड़ा डिपो होगा, नॉर्मल मेंटेनेंस के लिए ठाणे में छोटा डिपो बनाया जाएगा। प्रोजेक्ट स्टार्ट होने से पहले जापान में 1 हजार से ज्यादा इंजीनियरों, वर्क लीडर्स टेक्नीशियंस को ट्रेनिंग दी जाएगी।
फ्लाइट से कम वक्त में पहुंचाएगी बुलेट ट्रेन
12 स्टेशन, 350 kmph स्पीड, 3 घंटे का
सफर, 508 किमी का सफर, हाईस्पीड ट्रेन 2 घंटे 7 मिनट, प्लेन 1 घंटे 15 मिनट + 2 घंटे चेक इन के, ट्रेन 6 घंटे 30 मिनट, कार 8 घंटे, बस 9 घंटे 30 मिनट।













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