(सतीश जी के साथ ओजस्व शर्मा की रिपोर्ट)
शिवपुरी। जिले के सुरवाया थाना इलाके में मंगलवार की रात तीन बाइक सवार में से एक युवक रवीन्द्र पाल की संदिग्ध दुर्घटना में मौत हो जाने, उसकी लाश शिवपुरी जिला अस्पताल लाए जाने और उसी दौरान लाश पीएम हाउस में रखने की बात पर कोतवाली पुलिस के साथ बीती रात हुई झड़प और मृतक युवक के पिता आदि के साथ मारपीट के मामले ने आज बुधवार को तूल पकड़ लिया है। सुबह से पाल समाज के लोग शिवपुरी आना शुरू हुए फिर शहर का पोहरी चौराहा आज बुधवार की शाम पांच बजे से चक्का जाम की गिरफ्त में है। महिलाएं और पुरुषों ने सड़क जाम कर दी है। मौके पर शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन, प्रदेश अध्यक्ष पाल समाज गोपाल पाल, एएसपी सुधीर मुले पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद हैं। जाम कोतवाली के कुछ पुलिस कर्मियों पर केस दर्ज किए जाने की मांग को लेकर लगाया गया है। आपको पूरी घटना बताने से पहले बता दें कि घटना के फुटेज देखने के बाद एसपी अमन सिंह राठौड़ ने प्रथम दृष्टया कोतवाली के चार पुलिसकर्मी लाइन अटैच कर दिए हैं। जिनमें आरक्षक 309 शिवकुमार मीणा, आरक्षक 265 देवेन्द्र रावत, आरक्षक 911 हिमांशु शर्मा और आरक्षक 1009 गजेन्द्र जाटव को तत्काल प्रभाव से कोतवाली थाना से हटाकर पुलिस लाइन शिवपुरी में संबद्ध कर दिया है।एसपी अमन ने मामले की जांच एएसपी मुले को सौंपी
एसपी राठौड़ ने मामले को गभीरता से लिया है। उन्होंने जांच के आदेश जारी करते हुए एएसपी सुधीर मुले को जांच सौंपी है। जो निम्न बिंदुओं पर जांच करेंगे।
*जिला अस्पताल में घटनाक्रम कैसे पेश आया।
*बातचीत कैसे इस स्तर तक पहुंची की मारपीट तो हुई।
* जिला अस्पताल के स्टाफ, सीसीटीवी, लोगों के बयान, पुलिस के बयान सभी पक्षों पर जांच की जाएगी। अगर पुलिस कर्मी दोषी हुए तो सिर्फ लाइन अटैच ही नहीं बल्कि आगे कठोर कारवाई से भी परहेज नहीं किया जाएगा। फिर चाहे केस दर्ज हो या नौकरी पर संकट। साथ ही पीड़ित जनों के साथ मौजूद लोगों को भी जांच के दायरे में लिया गया है। साफ है कि पुलिस किसी को नहीं छोड़ने वाली फिर चाहे गलती पुलिस वालों की हो या किसी ओर की। एसपी अमन सिंह ने बताया कि पीड़ित पक्ष में मौत से परिवार पहले ही दुखी था, फिर क्या कारण बना की बात बढ़ गई। हमने पहली नजर में वीडियो में जिन पुलिस कर्मियों गलत पाया उनको लाइन अटैच कर दिया है, मामला थीं खत्म नहीं होगा। जांच एएसपी मुले को सौंपी है, जो भी ओर दोषी होगा विधि सम्मत कारवाई होगी ये निश्चित है।
बहिन के घर पछ लेकर बाइक से आ रहा था मृतक रवीन्द्र, बाकी लोग ट्रॉली में सवार थे
आपको पूरी घटना की शुरुआत में लिए चलते है। जब सुरवाया इलाके के ग्राम बक्सनपुर से रातोर के ग्राम किरौली के लिए रवीन्द्र पाल, राजकुमार पाल, रामवीर पाल अपनी बहिन के घर पछ लेकर निकले, अन्य ग्रामीण ट्रेक्टर ट्रॉली में थे। इसी बीच जब सुरवाया पर पहुंचे तो अचानक हुई दुर्घटना में रवीन्द्र की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार रवीन्द्र डिवाइडर से बाइक टकराने के चलते ऑन स्पॉट खत्म हुआ। जबकि बाइक सवार साथी राजकुमार पाल के अनुसार सुरवाया पर पुलिस ने हमको रोका ओर अचानक बाइक के सामने बैरीकेट ले आए जिससे टकराकर रवीन्द्र की मौत हुई। खैर उक्त मामले की पूरी सच्चाई भी जांच के बाद सामने आएगी। एसपी ने इसकी जांच भी एएसपी मुले को सौंप दी है।
बाद में मृतक रवीन्द्र को जिला अस्पताल लेकर आए तो डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन तब हंगामा खड़ा हो गया जब कोतवाली पुलिस ने रवीन्द्र की डेड बॉडी अस्पताल की बजाय पीएम हाउस में रखने की बात कही। पीड़ित पक्ष के अनुसार इसी दरम्यान अस्पताल में दस, पंद्रह पुलिस वालों ने हमसे मारपीट की यहां तक की मृतक रवीन्द्र के पिता से भी मारपीट की गई।
रात का बम सुबह फूटा, शाम को उठा धुआं
लाश पीएम हाउस ले जाने पर हुई मारपीट के मामले ने आज सुबह से तूल पकड़ा और शाम होते पोहरी चौराहे पर आंदोलन होने लगा जो रात साढ़े आठ बजे तक जारी है। उक्त मामले में एसपी ने चार वर्दी धारियों को लाइन अटैच कर दिया, लेकिन पीड़ित जैन उन पर केस दर्ज की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
चार बहिन का इकलौता भाई था रवीन्द्र, दो महीने बाद थी शादी
ग्राम बक्सनपुर से रातोर के ग्राम किरौली पछ लेकर अपने चाचा ताऊ के बेटों के साथ आ रहा रवीन्द्र चार बहिन का इकलौता भाई था। दो महीने बाद उसकी शादी थी। उसकी मौत से गांव के लोग भी गमजदा हैं।चार लाइन अटैच किए इस लेख के साथ
एसपी ने आज 13 नवंबर 2024 को शिवपुरी जिले के याना सुरवाया क्षेत्र में 12 नवंबर को सड़क दुर्घटना के बाद जिला अस्पताल में घायल व्यक्तियों एवं मृतक के परिजनों के साथ मारपीट की घटना को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली के चार पुलिसकर्मियों की संलिप्तता प्रथम दृष्टया पाई जाने पर अनुशासनहीनता के आरोपों केचलते आरक्षक 309 शिवकुमार मीणा, आरक्षक 265 देवेन्द्र रावत, आरक्षक 911 हिमांशु शर्मा और आरक्षक 1009 गजेन्द्र जाटव को तत्काल प्रभाव से कोतवाली थाना से हटाकर पुलिस लाइन शिवपुरी में संबद्ध कर दिया है।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से प्राप्त पत्र के अनुसार, दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खो चुके पीड़ितों और घायलों के प्रति संवेदनहीनता दिखाते हुए इन पुलिसकर्मियों ने अस्पताल परिसर में उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। इस घटना ने पुलिस विभाग की छवि को धूमिल कर दिया है और विभाग में अनुशासन व आचरण की गंभीर कमी को उजागर किया है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है, ताकि आगे की निष्पक्ष जांच प्रभावित न हो और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

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