केंद्र सरकार से कृषि मंत्री के बाद प्रदेश सरकार में मौजूद विजयपुर चुनाव के सिपहसालार नरेंद्र सिंह तोमर भी आते दिखाई दे रहे हैं। अब उनकी राजनीति से अधिक उनके सुपुत्र की राजनीति चमकाने की कोशिश के बीच इस पराजय की खबर ने राजनीतिक हलकों में तूफान ला दिया है। लोग कह रहे हैं कि अब तक ग्वालियर चंबल संभाग में उनके बाद उनके बेटे की ताजपोशी की कोशिश कामयाब होती रही। तब भी जब चुनाव के समय लेनदेन के कथित वीडियो वायरल हुए लेकिन उनका असर जाता रहा! फिर ग्वालियर में अनूप मिश्रा, पवैया, शेजवलकर जैसे दिग्गज भी पीछे छोड़ दिए गए ओर जब विजयपुर के चुनाव की कमान खुद नरेंद्र सिंह के हाथों में आई तो माना जा रहा था कि उनकी सफलता का स्वाद उनके बेटे भी चखेंगे लेकिन इस विपरीत परिणाम ने इन सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया है। इधर नीटू सिकरवार नए तेवर के साथ कांग्रेस में रहकर उनको सीधी टक्कर देते नजर आ रहे हैं।
ये बात हम नहीं बल्कि राजनीति के जानकार कहते घूम रहे हैं। उनका तो ये भी कहना है कि विजयपुर की हार की गूंज दिल्ली दरबार तक सुनाई देगी।

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