Gwalior ग्वालियर। ग्वालियर में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वाद्ययंत्रों का संग्रहालय बनाया जा रहा है। जिसे "तानसेन कलावीथिका, ग्वालियर" में बनाने की तैयारी है लेकिन जिले के चित्रकार, मूर्तिकारों के लिए कलावीथिका के अतिरिक्त अन्य कोई स्थान ग्वालियर में नहीं होने की बात का उल्लेख कर संग्रहालय का विरोध शुरू हो गया है। इसे लेकर धृतिवर्धन गुप्त, मूर्तिकार / चित्रकार सचिव, रंग-शिल्प समिति, ग्वालियर सहित अन्य जनों ने विरोध स्वरूप ग्वालियर के सांसद भारत सिंह, केंद्रीय मंत्री द ग्रेट ज्योतिरादित्य सिंधिया, सीएम डॉ मोहन यादव सहित अन्य जिम्मेदारों को पत्र प्रेषित किया गया है।
वाद्ययंत्र संग्रहालय को लेकर यह भेजा पत्र
प्रति :-
माननीय डॉ.मोहन यादव जी,
मुख्यमंत्री,
मध्यप्रदेश शासन, भोपाल
विषय :- तानसेन कलावीथिका , ग्वालियर को वाद्ययंत्र संग्रहालय बनाए जाने के विरोध में ज्ञापन।
माननीय महोदय ,
विनम्र निवेदन है कि गत दिनांक 24 दिसम्बर 2024 के समाचार पत्रों में छपे समाचार से ज्ञात हुआ , शासन द्वारा ग्वालियर में वाद्ययंत्रों का संग्रहालय बनाया जा रहा है । यह निर्णय स्वागत योग्य है। परन्तु इसके लिए चुने गए स्थान - तानसेन कलावीथिका , पड़ाव , ग्वालियर पर हम चित्रकार , मूर्तिकारों को ऐतराज है। कलावीथिका , ग्वालियर का निर्माण तत्कालीन शासन द्वारा ग्वालियर अंचल के चित्रकार , मूर्तिकारों की कला प्रदर्शनियों के हेतु से एक कलादीर्घा के रूप में कराया गया था। अपने निर्माण काल से ही यह मध्यभारत में दृश्य कलाओं के लिए अकेली आर्ट गैलरी थी और आज भी ग्वालियर अंचल की एकमात्र आर्ट गैलरी है । तब से अब तक कलावीथिका दृश्य-कलाओं के प्रदर्शन के उपयोग में आती रही है। इस कलादीर्घा में पहले ख्याति नाम चित्रकारों के प्रतिनिधि चित्रों की स्थायी प्रदर्शनी रहा करती थी। साथ ही समय समय पर अन्य कलाकारों की कलाकृतियों के प्रदर्शन हेतु भी कलावीथिका उपलब्ध रहती थी। यह नगर के कला-प्रेमियों तथा ग्वालियर आने वाले पर्यटकों के आकर्षण एवं अध्ययन का महत्वपूर्ण स्थान हुआ करता था । कुछ वर्ष पूर्व वरिष्ठ कलाकारों की कलाकृतियों को हटाकर कलावीथिका के महत्व को कम कर दिया गया। हम चित्रकार, मूर्तिकारों के लिए कलावीथिका के अतिरिक्त अन्य कोई स्थान ग्वालियर में नहीं है। अब इस स्थान पर वाद्ययंत्रों के प्रदर्शन का निर्णय लेकर , हम कलाकारों को उपलब्ध एकमात्र स्थान भी छीना जा रहा है। यह ठीक है ग्वालियर अपनी संगीत की विरासत के लिए जाना जाता है जिस पर हम सभी ग्वालियर वासी गौरव का अनुभव करते हैं , परन्तु ग्वालियर में चित्रकला और मूर्तिकला की भी महत्वपूर्ण परम्परा है । उसकी अनदेखी करते हुए कलावीथिका में वाद्ययंत्र संग्रहालय बनाने का फैसला एकतरफा , अनुचित और अन्याय पूर्ण होगा । अत: कलावीथिका में वाद्ययंत्रों के प्रदर्शन के निर्णय को निरस्त करके , ग्वालियर अंचल के कलाकारों के हित रक्षण की कृपा करें । हमें हमारी एकमात्र कलादीर्घा " तानसेन कलावीथिका " से बेदखल होने बचाएं । आशा है हमारे निवेदन पर सहृदयता पूर्वक विचार करके हमें शीघ्र सूचित किया जाएगा ।
सादर अभिवादन सहित .....
धृतिवर्धन गुप्त,
मूर्तिकार / चित्रकार

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