शिवपुरी। प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. उमा जैन ने अपने क्लिनिक पर विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर कैंसर की शीघ्र पहचान और रोकथाम के महत्व को लेकर सर्व प्रथम एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर और गर्भाशय मुख कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों, कारणों, बचाव, समय पर जांच एवं निदान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इसके बाद, एक विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन भी किया गया, जिसमें 61 महिलाओं की स्तन एवं गर्भाशय मुख कैंसर की जांच की गई। साथ ही, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की जांच कर उन्हें उचित परामर्श दिया गया।जागरूकता रैली एवं संकल्प
कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक जागरूकता रैली भी निकाली गई, जिसमें डॉ. उमा जैन, चिकित्सा स्टाफ एवं बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर सभी ने मिलकर हम कैंसर जागरूकता को बढ़ावा देंगे" की शपथ ली और कैंसर के खिलाफ लड़ाई में सहयोग देने का संकल्प लिया।
एचपीवी वैक्सीनेशन प्रोग्राम
डॉ. उमा जैन क्लिनिक पर ही इनरव्हील क्लब के सौजन्य से 9 से 14 वर्ष की 10 बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन दी गई, जिससे वे भविष्य में सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षित रह सकें।
लायंस क्लब की महिलाओं को जागरूक करने का प्रयास
लायंस क्लब की महिलाओं को जागरूक करने का प्रयास
कार्यक्रम के अगले चरण में, धरा पी.एस. रेसिडेंसी में लायंस क्लब की महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूक किया गया। इस दौरान उन्हें कैंसर के लक्षणों, रोकथाम के उपायों एवं नियमित जांच के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
डॉ. उमा जैन ने बताया कि हर वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। कैंसर के नए मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यदि यह वृद्धि इसी तरह जारी रही तो 2040 तक कैंसर के कारण मृत्यु का आंकड़ा 16.3 मिलियन से अधिक हो सकता है।
भारत में प्रतिवर्ष 15 लाख नए कैंसर के मामले सामने आते हैं, जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं प्रभावित होती हैं। महिलाओं में स्तन कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर सबसे अधिक पाया जाता है।
हर वर्ष लगभग 2 लाख महिलाएं स्तन कैंसर और 1.3 लाख महिलाएं गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से ग्रसित होती हैं। ये दोनों कैंसर स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, धूम्रपान एवं शराब के सेवन से बचकर, सुरक्षित यौन व्यवहार अपनाकर और नियमित जांच के माध्यम से रोके जा सकते हैं।
महिलाओं के लिए नियमित जांच और टीकाकरण का महत्व
गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम के लिए एचपीवी टीकाकरण उपलब्ध है, जो 9-14 वर्ष की आयु में दिया जाने पर सर्वोत्तम सुरक्षा प्रदान करता है और भविष्य में कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है।
गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए पैप स्मीयर, एचपीवी टेस्ट और वीआईए परीक्षण जैसे जांचें कराई जानी चाहिए।
25-65 वर्ष की महिलाओं को हर 3 साल में एक बार यह जांच अवश्य करवानी चाहिए, भले ही कोई लक्षण न हों।
स्तन कैंसर से बचाव के लिए महिलाओं को नियमित रूप से स्वयं की जांच करनी चाहिए। यदि कोई संदेह हो तो FNAC, सोनोग्राफी या मैमोग्राम जैसी जांचें करवानी
चाहिए।
स्क्रीनिंग के माध्यम से गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में होने वाले परिवर्तनों का समय रहते पता लगाया जा सकता है, जिससे सरल उपचार द्वारा गंभीर स्थिति से बचाव किया जा सकता है।
सरकारी अस्पतालों में अधिकांश स्क्रीनिंग टेस्ट निःशुल्क उपलब्ध हैं, जिससे अधिक से अधिक महिलाओं को इन सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए। समय पर जांच, सही जानकारी और जागरूकता ही कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें