शिवपुरी। बड़े ही हर्ष का विषय है कि प्रयागराज महाकुंभ में ब्रह्मपुरी स्थित राम तपस्थली आश्रम के संस्थापक महामंडलेश्वर दयारामदास जी महाराज को श्रीमद जगदगुरू योगानंदाचार्य देवाचार्य के पद से विभूषित किया गया है। इस घोषणा के बाद पूज्य गुरूदेव कल 11 फरवरी को सुबह 9 बजे प्रयागराज महाकुंभ से शिवपुरी पधार रहे हैं। जहां उनका भव्य स्वागत किया जाएगा और नगर में शोभा यात्रा निकाली जाएगी। जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उनके परम भक्त शिक्षक सतीश उपाध्याय ने बताया कि जगदगुरू योगानंदाचार्य देवाचार्य के पद से विभूषित होने के बाद पहली बार पूज्य गुरूदेव का शिवपुरी आगमन हो रहा है ये बेहद प्रसन्नता का विषय है, अतः उनके स्वागत अभिनंदन और शोभा यात्रा की शिवपुरी में व्यापक तैयारी की गई हैं। उन्होंने कहा कि
सभी सनातन शिवपुरी नगर वासियों को बड़े हर्ष के साथ सुचित किया जाता है कि दिनांक 11/02/2025 को जगद्गुरु योगानन्दाचार्य दयाराम देवाचार्य जी महाराज का सुबह 9 बजे श्री चिंताहरण हनुमान मंदिर पर भव्य स्वागत समारोह होगा आप सभी अधिक से अधिक संख्या में पधारकर गुरु जी के दर्शनों का अमृत लाभ प्राप्त करें ।
इसी क्रम में स्वागत के बाद पूज्य गुरूदेव महामण्डलेश्वर दयारामदास की महाराज की भव्य शोभा यात्रा प्रसिद्ध चिंताहरण मंदिर से सुबह 10 बजे निकाली जाएगी। यह शोभा यात्रा चिंताहरण मंदिर, माधव चौक, कोर्ट रोड़ राजेश्वरी रोड़, गुरूद्वारा चौराहे से झांसी तिराहा होते हुए तरूण रेसीडेंसी होटल पहुंचेगी। जहां दैनिक तरूण सत्ता के प्रधान संपादक डॉ. रामकुमार शिवहरे के निवास एवं तरूण रेसीडेंसी होटल पर श्री सीताराम परिवार द्वारा पूज्य गुरूदेव का स्वागत समारोह आयोजित किया गया है। इस अवसर पर सुन्दर काण्ड आदि धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाऐंगे।
प्रयागराज महाकुंभ में गुरुजी को जगदगुरू योगानंदाचार्य देवाचार्य के पद पर विभूषित किया गया
विदित हो कि संत शिरोमणि अनंत श्री विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी श्री दयाराम दास जी महाराज को प्रयागराज महाकुंभ त्रिवेणी संगम के पावन घाट पर दिगम्बर अखाड़े में जगदगुरू योगानंदाचार्य देवाचार्य के पद पर विभूषित किया गया है। उन्हें यह सम्मान महाराजा ऑफ नागपुरू श्रीमंत राजे रघुजी राव भौंसले की गरिमामय उपस्थिति में श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरू रामानंदाचार्य, पदम विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज के उत्तराधिकारी आचार्य श्री रामदास जी महाराज एवं सभी रामानंदीय सम्मानीय संतों के सानिध्य में प्रदान किया गया।

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