नेहा सिंह राठौर को कितनी हो सकती है सजा
नेहा सिंह राठौर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (1) (a) और 196 (1) (b) के तहत मामला दर्ज किया गया है. बीएनएस की धारा 196 (1) (a) के तहत अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर किसी भाषा या क्षेत्रीय समुदाय के खिलाफ नफरत भरे संदेश फैलाता है तो उसे अपराधी माना जाएगा. वहीं 196 (1) (b) के तहत यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक शांति को भंग करता है और अशांति का कारण बनता है तो उसे अपराधी माना जाएगा. इस अपराध में तीन साल की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। वहीं भारतीय न्याय संहिता की धारा 197 (1) a,b,c,d में किसी की देश के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाने, नागरिक अधिकारों से वंचित करने, असामंजस्य उत्पन्न करने, गलत जानकारी फैलाने के तहत व्यक्ति को अपराधी माना जाता है. इन धाराओं में भी व्यक्ति को तीन साल की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
क्या है धारा 353, 302 और 152
बीएनएस की धारा 353 में अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक उपद्रव फैलाने वाले बयान देता है तो उसे अपराधी माना जाएगा. वहीं धारा 302 किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से संबंधित है. इसके अलावा धारा 152 भारत की संप्रुभता, एकता और अखंडता को खतरने में डालने से संबंधित है. इन धाराओं में भी जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, नेहा सिंह राठौर के खिलाफ ज्यादातर गैर-जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, उन्हें अदालत से ही जमानत मिल सकती है।
नेहा सिंह राठौर ने भी दी प्रतिक्रिया
मामला दर्ज किए जाने के बाद नेहा सिंह राठौर की प्रतिक्रिया भी आई है. उन्होंने कहा है कि मेरे ऊपर FIR हो गई है, होनी भी चाहिए. एक मामूली लड़की इतने बड़े लोकतंत्र में सवाल कैसे पूछ सकती है? लोकतंत्र का साइज तो देखो, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है भाई।
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