उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफा देने की बात लिखी है। बता दें कि पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने 2 सितंबर 2023 को पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के समक्ष भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था। तब वे कोलारस भाजपा विधायक थे।
सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन जीऊंगा -वीरेन्द्र रघुवंशी
सोशल मीडिया पर इस्तीफा पोस्ट करने के बाद रघुवंशी से इनकी वजह जानने की कोशिश की गई। फोन पर उन्होंने बताया कि मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, इसलिए मैंने अपने राजनीतिक कदम पीछे खींच लिए हैं। अब आगे वह सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन जीएंगे।
उन्होंने पार्टियों के आज के वातावरण को लेकर कहा- अब यहां वैसा वातावरण नहीं है। अब या तो मेरे लायक पार्टियां नहीं बचीं या फिर मैं राजनीतिक पार्टियों के लिए नहीं बचा। यह बात मैं भी नहीं समझ पा रहा हूं। इसके चलते मैंने राजनीति से दूर रहने का मन बना लिया है। आगे अब मैं किसी भी पार्टी में नहीं जाऊंगा।
जनसेवा से मिली प्रसिद्धि, कांग्रेस पार्टी से हुई थी राजनीति की शुरुआत
विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने शहर में भीषण जलसंकट के दौर में जब जनता को निशुल्क पेयजल टैंकरों से पिलाया तो जननेता बनकर प्रसिद्ध हुए और अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत कांग्रेस से की। वर्ष 2007 का उपचुनाव शिवपुरी विधानसभा से वह जीत कर पहली बार विधायक बने थे।
2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में मिली हार का जिम्मेदार बीरेंद्र रघुवंशी ने अपने ही वरिष्ठ नेताओं को मानते हुए कांग्रेस से वर्ष 2014 में इस्तीफा दे दिया था।
इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में वे भाजपा की टिकट पर कोलारस विधानसभा से विधायक चुने गए। हालांकि 5 साल की विधायकी पूरी होने से पहले ही उन्होंने 2023 में कांग्रेस का दामन थाम लिया।
उन्होंने प्रेस से बात करते हुए अपना दर्द बयां किया था। उन्होंने कहा था कि जिन लोगों की वजह से मैंने कांग्रेस छोड़ी थी, वही लोग भाजपा में शामिल होकर विकास के कार्यों में रोड़ा अड़ाने का कार्य कर रहे थे। बता दें कि वीरेंद्र एक धाकड़, जांबाज और लड़ाका प्रवृति के कारण अधिकारियों को भले ही नापसंद हों क्योंकि काम से कोई समझौता नहीं करते लेकिन जनता के लिए कार्य करने से वे कभी पीछे नहीं रहते।
कोलारस में विकास की गंगा बहाकर आए हैं
आपको बता दें कि वीरेंद्र कोलारस के विधायक बने तो उन्होंने कई कार्य ऐसे किए है जो सदियों तक याद रखे जाएंगे। जो काम दो दो बार विधायक रहे बीजेपी के बड़े बड़े नेता नहीं करवा सके वीरेंद्र ने उन्हें करवाकर जनता का विश्वास हासिल किया। सिंध नदी का सालों से अपेक्षित ब्रिज उन्होंने बनवाया। गोरा टीला पर ब्रिज उन्होंने बनवाए, भदौड़ा का निर्माणाधीन है। साथ ही सिंध नदी के रस्ते पर जल संग्रहण इकाइयों की स्थापना की जिससे किसानों को साल भर पानी मिलता है।
प्रतिद्वंदी मनाएंगे दिवाली, जश्न
वीरेंद्र रघुवंशी भविष्य में क्या करेंगे या कौन उन्हें किस करवट बैठाएगा ये तो भविष्य के गर्त में है लेकिन इतना तय है कि उनके कारण जो नेता बैठे बैठाए बाबा बनते उन्हें संजीवनी बूटी मिल गई है। आज की रात ऐसे प्रतिद्वंदी दिवाली का जश्न मनाएंगे।

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