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#धमाका_न्यूज: अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर एस एम एस एस ने चलाया जागरूकता अभियान

गुरुवार, 26 जून 2025

/ by Vipin Shukla Mama
* संस्था कार्यालय, बानगंगा मंदिर के पास, शिवपुरी पर 26 जून 2025 को हुआ आयोजन 
शिवपुरी। शक्तिशाली महिला संगठन समिति द्वारा 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के अवसर पर एक सशक्त विचार-विमर्श एवं जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दिवस का उद्देश्य समाज में नशीले पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ जन-चेतना को सशक्त करना है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता  मुख्य ट्रेनर  रवि गोयल ने की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा:
> "नशा समाज को भीतर से खोखला कर देता है। यह सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, पूरे परिवार और समुदाय की समस्या है। हमें मिलकर इसे जड़ से खत्म करना होगा।"
इस मौके पर संगठन के कई स्वयंसेवकों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से करन, धर्म, केशव, माधव, नितिन, ललित झा, नितेश ओझा,साहब सिंह, लखन लाल, बबीता कुर्मी, मुकेश नर्मदा, कमलेश और अन्य सक्रिय सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियाँ
नशा मुक्ति शपथ दिलाई गई
पोस्टर व स्लोगन के माध्यम से संदेश संप्रेषण
स्थानीय नागरिकों से संवाद
सरकारी प्रयासों पर प्रस्तुति
अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस – पृष्ठभूमि और 2025 की थीम
हर वर्ष 26 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा "नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस" मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1987 में यू एन जी यू के प्रस्ताव से हुई थी। वर्ष 2025 की थीम है: "बाधाओं को तोड़ना: सभी के लिए रोकथाम, उपचार और पुनर्प्राप्ति"
इसका उद्देश्य है हर वर्ग तक इलाज और पुनर्वास की पहुंच सुनिश्चित करना।
भारत में नशे की स्थिति और सरकारी प्रयास
भारत की भौगोलिक स्थिति गोल्डन क्रेसेंट और गोल्डन ट्रायंगल जैसे ड्रग-उत्पादक क्षेत्रों के पास होने के कारण नशीली दवाओं की तस्करी का शिकार होता रहा है। भारत सरकार ने "नशा मुक्त भारत अभियान (2020)  एन डी पी एस कानून, सिम्स पोर्टल, और पुनर्वास केंद्रों के माध्यम से इस दिशा में सराहनीय कार्य किए हैं: रवि गोयल ने बताया कि सरकार द्वारा 
अब तक 10 करोड़ से अधिक लोग जागरूक किए गए हैं।
12 लाख किलोग्राम से अधिक ड्रग्स नष्ट की गई हैं।
बबिता ने कहा कि संस्था समाज के कमजोर तबकों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं के बीच स्वास्थ्य, पोषण, और जागरूकता के लिए कार्यरत है।
नशा मुक्ति, मानसिक स्वास्थ्य, और पुनर्वास आधारित पुनर्निर्माण संस्था के प्रमुख कार्यक्षेत्रों में शामिल हैं।
"नशे के खिलाफ जागरूकता ही असली रोकथाम है" – इस विचार को आगे बढ़ाते हुए संस्था द्वारा यह कार्यक्रम एक सार्थक पहल साबित होगा। प्रोग्राम में 15 से अधिक  वॉलंटियर को मास्टर ट्रेनर तैयार किया।











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