शिवपुरी। माधव टाइगर रिजर्व से लगे गांव में राजस्व और वन विभाग की टीम सत्यापन करेगी। कलेक्टर ने तीन दिन में सत्यापन कर जानकारी देने के टीम को निर्देश दे दिए हैं। बता दें कि शिवपुरी जिले में माधव टाइगर रिजर्व 375 वर्ग किलोमीटर एरिया में फैला हुआ है। माधव टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे गांव का राजस्व और वन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा सत्यापन किया जाना है और कितने ग्राम की भूमि इसमें आती है यह निर्धारित होगा।
टाइगर रिजर्व से लगे नगरीय क्षेत्र में सीमा से 100 मी का क्षेत्र और अन्य क्षेत्र में दो किलोमीटर क्षेत्र इको सेंसेटिव जोन के रूप में अधिसूचित है, जिसमें शिवपुरी नरवर एवं करेरा के लगभग 64 गांव का क्षेत्र स्थित है।
कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने बुधवार को समीक्षा बैठक रखी जिसमें राजस्व और वन विभाग के अधिकारी, संबंधित ग्राम पटवारी और फॉरेस्ट बीट गार्ड उपस्थित रहे।
बैठक में निर्देश दिए हैं कि तीन दिन में राजस्व और वन विभाग की संयुक्त टीम मौके पर जाकर सर्वे करें और सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। सीमा से लगे इसमें 64 गांव है जिनका मिलान और सत्यापन संयुक्त टीम द्वारा किया जाना है।
इको सेंसेटिव जोन किसानों और गांवों में रहने वाले लोगों के विस्थापन और निकासी को शामिल नहीं करता है। बल्कि इसमें कुछ गतिविधियाँ सामान्यतः विनियमित होती हैं और कुछ को छोड़कर निषिद्ध नहीं होती हैं, जैसे वाणिज्यिक खनन, पत्थर खनन और क्रशिंग इकाइयाँ, प्रमुख जलविद्युत परियोजना, खतरनाक पदार्थों का प्रबंधन; अवांछित अपशिष्टों का निर्वहन; ईंट भट्टियों की स्थापना; प्रदूषित उद्योगों की स्थापना, जो पर्यावरणीय क्षति की उच्च संभावना रखती हैं। इस प्रकार, स्थानीय समुदायों द्वारा चलाए जा रहे कृषि और बागवानी प्रथाओं, डेयरी फार्मिंग, एक्वाकल्चर, मछली पालन, पोल्ट्री फार्म, बकरी फार्म, खाद्य संबंधित इकाइयाँ आदि पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इसके अतिरिक्त, अवसंरचना वृद्धि जैसे नागरिक सुविधाएँ, सड़क चौड़ीकरण, गैर-प्रदूषित उद्योग आदि भी विनियमित श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।

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