रिकॉर्ड में फोटो, साइन और हैंड राइटिंग मैच नहीं
ये मामला ग्वालियर के कंपू थाने का है। 14वीं बटालियन के सब इंस्पेक्टर रघुनंदन शर्मा की शिकायत पर पांच कैंडिडेट्स के खिलाफ 31 मई को केस दर्ज किया गया है। इनमें से तीन मुरैना के हैं, बाकी दो श्योपुर और शिवपुरी से हैं। नियुक्ति के समय इनके आधार कार्ड की हिस्ट्री चेक की गई थी। ये पाया गया कि इन्होंने लिखित परीक्षा से पहले जुलाई 2023 में आधार अपडेट कराया था। इसमें सॉल्वर का फोटो अपडेट कराया गया। इसके बाद अगस्त-सितंबर 2023 को लिखित परीक्षा हुई थी। लिखित परीक्षा के कुछ दिन बाद फिर से आधार में अपना बायोमेट्रिक अपडेट करा लिया था।
बता दें कि मध्यप्रदेश में जिस तरह से व्यापमं की परीक्षाओं में असली कैंडिडेट्स की जगह सॉल्वरों ने पेपर दिया था, उसी तर्ज पर दो साल पहले हुई पुलिस आरक्षक भर्ती
परीक्षा में भी सॉल्वर शामिल हुए हैं। इसका खुलासा एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स के दस्तावेजों की जांच के बाद हुआ है। अब तक अलग-अलग जिलों में फर्जीवाड़ा करने वाले 19 आरक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।
पुलिस हेडक्वार्टर के अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, ये आंकड़ा और ज्यादा बढ़ने की आशंका है। दरअसल, इन सभी कैंडिडेट्स ने आधार कार्ड में सॉल्वर का नाम और फोटो अपडेट कराकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। इसमें आधार सेंटर की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
ऐसे लगाई परीक्षा में सेंध
1. एग्जाम से पहले आधार अपडेट कराया जिन कैंडिडेट्स की जगह सॉल्वर ने एग्जाम दिया, उनके फोटो और फिंगर प्रिंट कैंडिडेट के आधार पर अपडेट कराए गए। यानी आधार नंबर मूल कैंडिडेट का था लेकिन फोटो और फिंगर प्रिंट सॉल्वर के थे।
2. एग्जाम हाल में फोटो और फिंगर प्रिंट मैच सॉल्वर परीक्षार्थी का अपडेटेड आधार कार्ड लेकर परीक्षा सेंटर पहुंचा। सेंटर पर आधार कार्ड की जांच की गई तो फोटो सॉल्वर का ही पाया गया। इसके बाद फिंगर प्रिंट जांचे गए तो वह भी मैच हो गए।
3. एग्जाम के बाद फिर आधार अपडेट परीक्षा होने के बाद इन अभ्यर्थियों ने एक बार फिर आधार अपडेट कराया। इस बार वापस अपनी असली फोटो अपडेट कराई। इसके साथ ही फिंगर प्रिंट भी अपडेट कराते हुए खुद के फिंगर प्रिंट आधार में स्कैन कराए। इसी आधार को लेकर वे जॉइनिंग देने पहुंचे।
कर्मचारी चयन मंडल बोला- हमारी सुरक्षा में चूक नहीं
कर्मचारी चयन मंडल के डायरेक्टर साकेत मालवीय कहते हैं कि मंडल की एग्जाम प्रोसेस में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है। हमने उन्हीं कैंडिडेट्स के एग्जाम लिए, जिनके आधार का डेटा मैच हो रहा था। एग्जाम हाल में एंट्री के समय आधार कार्ड का फोटो मिलाया गया।
इसके बाद परीक्षा के पहले आधार डेटा को वेरिफाई किया गया। ये होने पर ही अभ्यर्थी को एग्जाम हॉल में प्रवेश दिया गया। बीच एग्जाम में भी आधार का डेटा मैच कराया, हर बार ये मैच हुआ है। जॉइनिंग के समय कुछ गड़बड़ियां सामने आई हैं। पुलिस विभाग ने हमसे एग्जाम के दौरान इकट्ठा किया कैंडिडेट्स का डेटा मांगा है। हमने वो सौंप दिया है।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
पुलिस हेडक्वार्टर (पीएचक्यू) को इस फर्जीवाड़े की गोपनीय शिकायत मिली थी। इसके आधार पर पीएचक्यू ने सभी जिलों को कैंडिडेट्स के डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के लिए कहा। साथ ही फोटो, फिंगरप्रिंट मिलान के साथ आधार अपडेशन हिस्ट्री की जांच करने के लिए कहा। इस तरह जिलों की अलग-अलग बटालियन में जॉइनिंग के लिए पहुंचे अभ्यर्थियों के फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया।
डीआईजी वीरेंद्र सिंह के अनुसार जैसे-जैसे मामले सामने आते जा रहे हैं, एफआईआर दर्ज कराई जा रही हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही सॉल्वर का भी संबंधित थाना पता लगा रहा है। इस फर्जीवाड़े में अब तक 19 एफआईआर हो चुकी हैं। फर्जीवाड़े का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है।
नियुक्ति हो गई, मगर रिकॉर्ड जांचा तो मिली गड़बड़ी
शिवपुरी की 18वीं बटालियन में ग्वालियर के घाटीगांव के रहने वाले निर्भय गुर्जर और डबरा के भूपेंद्र सिंह की नियुक्ति हो चुकी थी। दोनों ने लिखित परीक्षा में अपनी जगह सॉल्वर बैठाए थे। इनके दस्तावेजों की जांच की गई तो जवानों के फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुए।
इनसे पूछताछ की गई तो ये उसका जवाब नहीं दे सके। सतनवाड़ा पुलिस ने दोनों जवानों के खिलाफ धोखाधड़ी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के मामले में एफआईआर दर्ज की है।
(खबर साभार)।

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