#धमाका_खास_खबर: महाराज साहब, पर्यटन नगरी शिवपुरी ने ओढ़ी हरियाली की चादर, जंगल में नाचने लगे मोर, पवा, टुंडा भरका, भरका खो, सुल्तानगढ़ के खिल उठे झरने, हिमाचल प्रदेश की तरह कोई खतरा भी नहीं, हर पहलू पर्यटन विकास के अनुकूल फिर क्यों पर्यटकों पर लगती यहां पाबंदी, निजी हाथों में शर्तों के साथ दीजिए ठेके तब आएंगे देश, विदेश के सैलानी, देखिए पवा जल प्रपात का विहंगम नजारा, video
शिवपुरी। एक समय सिंधिया राज घराने की ग्रीष्मकालीन राजधानी रही शिवपुरी ऐतिहासिक, नैसर्गिक और प्राकृतिक लिहाज से देश के कई नामी पर्यटक स्थलों को पीछे छोड़ती है। इस साल अस्सी और नब्बे के दशक की तरह जून महीने से ही बारिश हो रही है जिसके नतीजे में पर्यटन नगरी शिवपुरी ने हरियाली की चादर ओढ ली है, जंगल में मोर नाचने लगे हैं, तो टाइगर, तेंदुआ, मगरमच्छ, हिरण आदि नजर आ रहे है। दूसरी तरफ झरनों की बात करें तो भदैया कुंड, पोहरी का पवा जल प्रपात, टुंडा भरका, भरका खो, सुल्तानगढ़ के झरने खिल उठे हैं, इन जल प्रपात पर विहंगम नजारे देखते ही बन रहे हैं। यहां हिमाचल प्रदेश की तरह बादल फटने, नदियों के डरावने नजारों का कोई खतरा भी नहीं है, हर पहलू पर्यटन विकास के अनुकूल है फिर क्यों पर्यटकों पर यहां पाबंदी लगाई जाती है, मानसून के जिस सीजन में देश विदेश के पर्यटक शिवपुरी लाए जा सकते हैं उनको आने से रोका जाता है। क्योंकि जिला प्रशासन और वन महकमा पर्यटन केंद्रों पर हर साल रोक लगाकर इतिश्री कर लेता है जिससे लोगों में रोष है। स्थानीय लोगों ने केंद्रीय मंत्री महाराज श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया से अपील की है कि माधव टाइगर रिजर्व की जो सौगात आपने दी है उसे और निखारने की जरूरत है न कि टूरिज्म पर ताले लगाने की। महाराज करीब 50 आकर्षक, नयनाभिराम पर्यटन स्थलों को भले ही निजी हाथों में शर्तों के साथ दीजिए लेकिन बंद न कीजिए तब आएंगे देश, विदेश के सैलानी।(देखिए पवा जल प्रपात का विहंगम नजारा, video)
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