Guna गुना। जहरीले इंसान से दोस्ती के परिणाम कभी भी भयानक हो सकते हैं ये जानते हुए भी एक सर्प मित्र जो सांपों को पकड़ने के बाद उन्हें अपने गले में डालकर नुमाइश करता था उसे एक जहरीले काले सांप ने डस लिया जिससे इसकी मौत हो गई। कल उसने जिस सांप को पकड़ा और हमेशा की तरह गले में लपेटकर बाजार में निकला उसी के काटने से उसकी मौत हो गई। बेहद कम वेतन पर एक निजी कॉलेज में सर्प पकड़ने की नौकरी करने वाले इस सर्प मित्र के घर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है, वह अपने पीछे दो मासूम बच्चों को छोड़ गया है। बच्चों की मां का पहले ही निधन हो चुका है। बता दें कि गुना जिले के राघौगढ में सर्प मित्र दीपक महावर (42) की सांप के काटने से मौत हो गई। दीपक पिछले कई वर्षों से सांप पकड़ता था और जेपी कॉलेज में इसी जिम्मेदारी पर 5 साल से तैनात था। सोमवार दोपहर दीपक को बरबटपुरा गांव से सांप पकड़ने के लिए बुलाया गया था। उसने सांप पकड़ा और जहरीले नाग को गले में डालकर अपने बच्चे को लेने स्कूल चला गया। स्कूल से लौटने के दौरान सोमवार दोपहर लगभग 12 बजे गले में लटके सांप ने दीपक महावर को काट लिया, जिससे उसकी तबियत बिगड़ने लगी। सांप के काटने के बाद दीपक को पहले राघौगढ़ सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें गुना रेफर कर दिया गया। गुना में एंटी-डोज लगने के बाद उन्हें थोड़ा आराम मिला और दीपक घर लौट गया। हालांकि, रात में उसकी तबीयत फिर बिगड़ गई। परिजन उसे साडा स्थित अस्पताल ले गए, इसके बाद उसे दोबारा राघौगढ़ शासकीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे फिर से गुना रेफर कर दिया गया। परिजनों का कहना है कि दीपक को रात में ही एक हजार रुपए में निजी एम्बुलेंस किराए पर लेकर गुना जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन दुर्भाग्यवश वहां उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दीपक महावर आसपास के गांवों और शहरी क्षेत्रों में सांप पकड़ने के लिए जाना जाता था और इस काम में काफी एक्सपर्ट था। विडंबना यह रही कि जिस काम में वह माहिर था, उसी के कारण उसकी जान चली गई। वह पिछले लगभग 5 सालों से राघौगढ़ स्थित जेपी कॉलेज में भी कार्यरत था। सर्प मित्र दीपक ने हजारों सांपों को पकड़कर उनकी जान बचाई थीं लोगों को भी सुरक्षित किया था लेकिन अति आत्मविश्वास में उनकी मौत हो गई।
दो बेटे छोड़कर गए
दीपक महावर के दो बेटे हैं, एक रोशन 12 साल का, दूसरा चिराग 14 साल का, माँ पहले ख़त्म हो गई थीं, अब बच्चों के सर से माँ पिता का साया उठ गया है।

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