पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्रंप के टैरिफ पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का सीधा नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि हमारे किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है, चाहे उसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप भारत पर ट्रेड डील के लिए दबाव बनाना चाहते हैं। इसी क्रम में वह टैरिफ बढ़ा रहे हैं।बता दें कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर एक अंतर्राष्ट्रीय कानून का एक साधन है। संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश इसके नियमों से बंधे होते हैं। यूएन चार्टर में इंटरनेशनल रिलेशन के प्रमुख सिद्धातों, राज्यों की संप्रभु समानता से लेकर अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में बल प्रयोग के निषेध तक का जिक्र है। वहीं WTO के नियमों में ट्रेड के लिए गैर भेदभाव, मार्केट एक्सेस, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता का जिक्र है।
जानकारों ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
देश के जाने माने नेत्र रोग विशेषज्ञों में शुमार डॉ गिरीश चतुर्वेदी ने इस गंभीर विषय को लेकर सोशल प्लेटफॉर्म पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अमेरिका को आईना दिखाते हुए लिखी तीखी प्रतिक्रिया के जवाब में जनता ने भी उतने ही तीखे जवाब लिखे हैं। डॉ गिरीश ने लिखा......
50% जो टैरिफ ट्रम्प ने लगाया है… उसका सीधा असर लघु उद्योग धंधों पर पड़ेगा.. निर्यात बंद होने से छोटी मिलें बंद होंगी और सुरक्षित कामगार बेरोजगार होंगे.. टैक्स पेयर्स पे और टैक्स बढ़ेगा जिससे बचत कम होगी तथा मार्केट में पैसे का फ्लो कम हो जाएगा और जिससे अंततः भारत की आम जनता प्रभावित होगी ।
अब ‘स्वदेशी अपनाओ’ का जुमला मात्र देने से कुछ नहीं होगा देश बचाना है तो अब इन फ्री की योजनाओं को बंद करना ही पड़ेगा.. वरना अगले 5 साल में देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी..
अब सबके मिलकर सोचने का समय है। समस्या मुँह बाये खड़ी है। एक सिरफिरे व्यापारी राजनीतिज्ञ ट्रम्प ने दुनिया को हिला डाला.. दादागिरी इतनी है कि जो भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताते नहीं थकते उनके मुँह से ट्रम्प के ख़िलाफ़ एक बोल नहीं फूट रहा है। फ़र्क़ सिर्फ़ मध्यम वर्ग को पड़ेगा क्योंकि टैंक्स भी उसे ही देना है, घर उद्योग भी उसी को चलाने हैं, उसे चंदा भी देना है, दान की आशा भी उसी से है क्योंकि समाज सेवा भी वही सबसे ज़्यादा करता है।
पर तेल तो तिली में से ही निकलेगा टैक्स पेयर्स पर अगर और टैक्स बढ़ा तो व्यवस्थाएँ गड़बड़ होंगी.. देश बचाने के लिए अब इन योजनाओं बंद करना ही एकमात्र उपाय है। चीन का वैसे ही आधे मार्केट पर क़ब्ज़ा है और मोदी जी अमेरिका से नाखुश हो के चीन जाने वाले हैं वहाँ कोई और ट्रेड डील हुई तो हम चीनी झालर का विरोध भी नहीं कर पाएंगे।
अब देश के कर्णधारों को पार्टी हित से ऊपर उठकर देश के बारे में सोचना पड़ेगा कि हम कहाँ जा रहे हैं..
आम जनता छोटी छोटी समस्याओं से ही नहीं उबर पाती। पहले बहनें राखी पर भाई के आने का इंतज़ार करती थीं अब लाडली बहना की बढ़ती किश्त का करती हैं.. क्रांति करने वाले लौंडे कांवड़ लेने गए हुए हैं और बुद्धिजीवीयों की आवाज़ इंस्टाग्राम रील की नचनियों ने दबा दी। जिस देश के न्यूज़ चैनल 50% टैरिफ़ लगाने के फायदे बताने लगें वहाँ मीडिया या तो बिका हुआ है या उसमें सच बोलने तक की ताक़त नहीं रही..
#सुबह_सुबह_की_चिंता 🤒
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