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#धमाका_खास_खबर: कॉफी के खिताबी मुकाबले में शिवपुरी के वंश उप्पल ने जीता राष्ट्रीय पुरूस्कार

मंगलवार, 16 सितंबर 2025

/ by Vipin Shukla Mama
*युवाओं को मोटिवेट करते हुए कहा किसी भी स्टार्टप के लिए उसकी जानकारी आवश्यक, तभी मिलेगी सफलता
शिवपुरी। देखा जाऐ तो देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं आत्मनिर्भर भारत का संदेश देते हैं और इस पर कई नव युवाओं ने अमल भी किया है। जिला मुख्यालय शिवपुरी का भी एक नव युवा वंश पुत्र श्रीमती किरण-धीरज उप्पल निवासी कृष्णपुरम कॉलोनी है जिसने अपने बेहतर भविष्य का निर्माण स्वयं किया है और एक हटकर अपना नया कैफ़े डालकर वाना कॉफी के नाम से अंचल शिवपुरी का नाम इंदौर और फिर देश के बैंगलोर में आयोजित कॉफी के खिताबी मुकाबले एयरोप्रेस में तृतीय स्थान हासिल कर किया है। वाना कॉफी के नाम से संचालित इस कैफ़े के मालिक वंश उप्पल बताते है कि किसी भी स्टार्टअप के लिए उसकी जानकारी होना आवश्यक है तभी सफलता मिलेगी, हालांकि कॉफी को लेकर कई तरह के सवाल लोगों के जेहन में रहते है बाबजूद इसके मुझे शिवपुरी शहर का नाम बड़े शहरों में करना है इसे ध्यान में रखते हुए अपने इंदौर के दो मित्रों गौरव और ऋषभ है जिन्होंने एक कैफे की मुलाकात में मुझे अपनी ओर आकर्षित किया और आज यह स्टार्टअप आपके सामने है।
*कॉफी कैरियर भी बनाती है और कई लोग इससे सीखते भी है
अंचल शिवपुरी का नाम बैंगलोर में कॉफी के राष्ट्रीय खिताबी मुकाबले में तृतीय स्थान हासिल करने वाले शिवपुरी निवासी वंश उप्पल बताते हैं कि कॉफी से कैरियर भी बनाया जा सकता है और कई लोग इससे सीखते भी है, बड़े-बड़े शहरों में ना-ना प्रकार की कॉफी को लोग पसंद करते है यही कारण है कि एक स्टार्टअप शिवपुरी में लाकर हम उस युवा पीढ़ी को संदेश देना चाहते है जिसके मन में अनेकों संभावनाऐं है लेकिन वह कहीं ना कहीं अपने हौंसलों से डर जाता है, इसलिए ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं को अपने लक्ष्य से कभी भटकना नहीं चाहिए फिर भले ही कॉफी जैसा कोई कारोबार हो अथवा कोई अन्य। बैंगलोर में एयरोप्रेस जो कि एक मैनुअल कॉफी ब्रु्रइंग डिवाईस है, इसे 2005 में एलन एडलर एक एमेरिकन इंजीनियर ने बनाया था, इस काफी की खास विशेषता में तेज ब्रूइंग 1 से 2 मिनिट में कॉफी बन जाती है, यह पोर्र्टेबल और हल्का होता है जिसे यात्रा या कैफे दोनों जगह आसानी से बनाया जा सकता है, कम एसिडिक होकर फिल्टर पेपर के कारण कॉफी स्मूद और साफ निकलती है, इससे एसप्रेसो जैसी अमेरिकानो, कोल्ड ब्रू आदि सब बनाई जा सकती है। इस तरह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर वंश उप्पल ने बैंग्लोर में शानदार प्रदर्शन किया और वाना काफी को तृतीय पुरूस्कार से सम्मानित किया गया। वंश की इस उपलब्धि पर उनके माता-पिता श्रीमती किरण -धीरज उप्पल सहित समस्त अंचल शिवपुरीवासी शामिल है जिन्होंने बधाईयां प्रेषित कर उज्जवल भविष्य की कामना की है।
*कॉफी बनाने की कला और रचनात्मकता का एक अनूठा मंच, देश भर के 550 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया भाग
वंश उप्पल बताते है कि यह प्रतियोगिता, जिसमें देशभर से 550 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, कॉफी बनाने की कला और रचनात्मकता का एक अनूठा मंच थी। प्रतियोगिता का प्रारूप भी बेहद खास था। हर प्रतिभागी को 15 दिनों का समय दिया गया था, जिसमें उन्हें रेडी टू यूज कॉफी का इस्तेमाल कर अपनी खास रेसिपी तैयार करनी थी। वंश उप्पल ने बताया कि इस प्रतियोगिता ने उन्हें अपनी रचनात्मकता और कॉफी बनाने की अनोखी तकनीक दिखाने का मौका दिया। एयरोप्रेस मशीन का उपयोग कर उन्होंने अपनी विशेष रेसिपी से जजों को प्रभावित किया। प्रतियोगिता का उद्देश्य सिर्फ जीतने तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका लक्ष्य प्रतिभागियों को अपनी पसंदीदा कॉफी बनाने के लिए एक मंच देना और कॉफी संस्कृति को बढ़ावा देना भी था। इस तरह के आयोजनों से कॉफी के प्रति लोगों की रुचि और जागरूकता बढ़ती है। वंश उप्पल की यह उपलब्धि शिवपुरी के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है और यह दिखाती है कि छोटे शहरों की प्रतिभा भी बड़े मंचों पर अपनी छाप छोड़ सकती है।













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