शिवपुरी, 10 अक्टूबर 2025। शक्तिशाली महिला संगठन समिति (SMSS), शिवपुरी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन शासकीय कन्या शाला परिसर शिवपुरी में किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य श्री सत्य प्रकाश भार्गव, उपप्राचार्य श्री प्रदीप झा सहित लगभग 200 छात्राओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
संगठन के सचिव रवि गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि “आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या हमारे जिले के अधिकांश बच्चों में देखने को मिलती है। बच्चे शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में तो जागरूक हैं—बुखार या दर्द होने पर तुरंत उपचार करते हैं—लेकिन मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जानकारी और समझ की कमी है। उदासी, चिंता, तनाव और आत्मविश्वास की कमी जैसी समस्याएँ अक्सर छिपी रह जाती हैं, जिससे बच्चों का संपूर्ण विकास प्रभावित होता है।”
इस मौके पर संस्था की टीम ने बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य को समझाने के लिए खेल-खेल में सीखने की गतिविधियाँ करवाईं।
भावनाओं का रंग खेल: छात्राओं ने रंगों के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त किया और सीखा कि गुस्सा, खुशी या उदासी जैसी भावनाएँ स्वाभाविक हैं।
सुपरहीरो पावर ब्रीदिंग: सभी बच्चों ने दो मिनट तक गहरी सांस लेने-छोड़ने का अभ्यास किया, जिससे उन्हें मानसिक शांति का अनुभव हुआ।
कहानी और नाटक: "नन्हा मोहन उदास क्यों था?" जैसी छोटी कहानी से रोल-प्ले करवाकर यह संदेश दिया गया कि उदासी या तनाव को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है दोस्तों, माता-पिता या शिक्षकों से बात करना।
कृतज्ञता का पेड़: छात्राओं ने चार्ट पेपर पर बने पेड़ पर आभार व्यक्त करते हुए अपनी भावनाएँ लिखीं।
सकारात्मक मंत्र: “मैं अच्छा हूँ, मैं कर सकता हूँ, मैं खुश रहूँगा” जैसे वाक्य बच्चों ने मिलकर दोहराए, जिससे उनमें आत्मविश्वास और सकारात्मकता की भावना मजबूत हुई।
अंत में प्राचार्य श्री सत्य प्रकाश भार्गव ने अपने भाषण में कहा कि “मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव है। आज के बदलते दौर में बच्चे शिक्षा और प्रतियोगिता के दबाव में रहते हैं, ऐसे में उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। इस तरह के कार्यक्रम बच्चों में आत्मविश्वास, सहयोग और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देते हैं।" विद्यालय के उपप्राचार्य श्री प्रदीप झा ने भी बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें और जरूरत पड़ने पर शिक्षकों या परिवार से खुलकर संवाद करें। रवि गोयल ने आगे कहा कि मानसिक स्वास्थ्य भी शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्वपूर्ण है। जैसे शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए पोषण और व्यायाम जरूरी है, वैसे ही मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के लिए ध्यान, योग, सकारात्मक सोच, संवाद और परिवार का सहयोग आवश्यक है। अंत में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए यह संकल्प लिया कि वे अपने परिवार और मित्रों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को साझा करेंगे। प्रोग्राम में राजेश गोयल स्कूल।परिसर का स्टाफ एवं शक्ति शाली महिला संगठन की टीम ने भाग लिया।















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