शिवपुरी। बहुचर्चित बच्चा चोरी के मामले में जिला अस्पताल से अगवा नन्हीं परी बीती शाम डॉक्टर की देखरेख में जिला अस्पताल शिवपुरी लाई जा चुकी है, इससे मिलने ग्वालियर से डीआईजी अमित सांघी अस्पताल पहुंचे। उनके साथ इस मामले में सफलता के सही हकदार एसपी अमन सिंह राठौड़, एसडीओपी संजय चतुर्वेदी, एसडीओपी अजाक अवनीत शर्मा और कोतवाली टीआई कृपाल सिंह राठौड़, ट्रैफिक प्रभारी रणवीर सिंह टीम के साथ मौजूद थे।
बेटी हाथों में आते ही छलकी मां की अखियां, डीआईजी अमित ने पूछा कैसा लग रहा है, तो रोशनी बोली, अच्छो लग रओ है
सागर से एंबुलेंस से बच्ची को जिला अस्पताल लाया गया था। डीआईजी अमित सांघी, एसपी अमनसिंह कीमौजूदगी में पहले उसके पिता सुनील आदिवासी के हाथों में सौंपी गई और जब बच्ची वार्ड में भर्ती मां रोशनी के हाथों में सौंपी गई तो बच्ची को हाथों में देख रोशनी की आंखों से आंसू छलक पड़े, उसकी भीगी अखियां बच्ची से बिछड़ने और फिर मिलने की खुशी बयां कर रही थी। जब डीआईजी अमित ने पूछा अब कैसा लग रहा है, तो रोशनी बोली कि अच्छो लग रओ है। इधर जन्म लेते ही चुराई गई बच्ची के बारे में चिंतित रहते रोशनी को बुखार आ गया था। हालांकि अब बच्ची मिलने के बाद उसकी मां के चेहरे की खुशी साफ झलक रही थी।
डीआईजी अमित ने "नन्हीं परी" का नया नाम रखा "आध्या" , बोले, बहादुर बेटी
बच्ची की मां से मिले पुलिस अधिकारियों को बच्ची की मां ने धन्यवाद दिया। जब डीआईजी अमित ने उसके नाम के बारे में पूछा तो मां रोशनी आदिवासी ने कहा, आप ही रख दीजिए। जिसके बाद डीआईजी अमित ने बच्ची का नया नाम "आध्या" रखते हुए कहा कि आध्या का मतलब बहादुर, ये बहादुर बच्ची है। बता दें कि जन्म के 27 घंटे बाद ही अगवा होने के 36 घंटे बाद बच्ची की शिवपुरी वापसी हुई है।
एसपी अमन सिंह मां रोशनी के आंसुओं को देख ठान चुके थे किसी भी हाल में सुरक्षित वापस लाऊंगा बच्ची को
आपको बता दें कि एसपी अमन सिंह राठौड़ किस हद तक संवेदनशील हैं इसकी बानगी इस मामले में देखने को मिली जब बच्ची अगवा होने के तत्काल बाद वे जिला अस्पताल पहुंचे थे। बच्ची की मां रोशनी फुट फुटकर रो रही थी बोली, साहब कैसे भी हो हमारी बच्ची लाकर दो। बकौल एसपी अमन सिंह उन्होंने तभी ठान लिया था कि अगर एक बच्ची वापिस न ला सका तो क्या किया, बस तत्काल मिशन बच्ची खोजों अभियान शुरू कर दिया था जिसमें वे पूरी टीम के साथ कड़ी से कड़ी जोड़ते चले गए और आज वे जिले में ही नहीं बल्कि प्रदेश और देश में रियल हीरो बनकर उभरे हैं। उन्हें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से भी सराहना मिल चुकी है।
इधर आरोपी शारदा भी आई शिवपुरी, ली रिमांड, बोली, प्रेमी के कहने पर चुराया बच्ची को, ले जाना था महरौनी, बस बदलने से महरौनी की जगह पहुंची सागर, प्रेमी को ढूंढने जुटी पुलिस
27 घंटे पहले जन्मी नवजात बच्ची को अगवा करने वाली महिला शारदा आदिवासी शिवपुरी लाई है। जिससे पुलिस पूछताछ कर रही है। शुरुआती पूछताछ में उसने सिर्फ इतना कहा कि "वह नवजात को यूपी के महरौनी में अपने प्रेमी राहुल जाटव को देने जा रही थी। राहुल इस बच्ची को किसे देने वाला था, यह उसने नहीं बताया"। बताया जा रहा है कि महिला पैसों के लालच में प्रेमी राहुल के कहने पर ही नवजात को चुराने शिवपुरी आई थी। गलत बस में बैठने के कारण वह महरौनी की बजाय सागर पहुंच गई। पुलिस ने आरोपी शारदा जाटव को चार दिन की रिमांड पर लिया है। वहीं, राहुल जाटव के पकड़े जाने पर नवजात तस्करी की सच्चाई पता चल सकेगी। हालांकि पुलिस ने राहुल को अरेस्ट कर लिया है ये जानकारी मिल रही है।
ये था पूरा मामला
बामौरकलां के बिशनपुरा निवासी रोशनी आदिवासी (23) पत्नी सुनील आदिवासी की 27 घंटे पहले जन्मी नवजात बेटी को एक अनजान महिला 29 अक्टूबर की सुबह 5:30 बजे अगवा करके ले गई थी। पुलिस के तुरंत सक्रिय होने से महिला की पहचान शारदा आदिवासी के रूप में हुई। करैरा एसडीओपी आयुष जाखड़ और दिनारा थाना प्रभारी रामेंद्र सिंह चौहान ने कोतवाली टीम के साथ सागर तक पीछा किया। सागर पुलिस की मदद से महिला को बस में धर दबोचा और नवजात बच्ची को सुरक्षित बचा लिया। सागर से पुलिस महिला शारदा आदिवासी को हिरासत में लेकर 29-30 अक्टूबर की रात में ही शिवपुरी ले आई। पुलिस पूछताछ में महिला ने स्वीकार किया कि वह नवजात को चुराने ही शिवपुरी आई थी। रोशनी के सास, ननद और ससुर को झांसे में लिया और आसानी से बच्ची अगवा कर ली थी। समय रहते बच्ची सकुशल वापिस लौट आई है।
तस्करी कर बच्ची को किसी निसंतान दंपती को बेचने किया अगवा!
बताया जा रहा है कि महिला शारदा बच्ची को महरौनी में प्रेमी राहुल को सौंप देती, फिर राहुल किसी निसंतान दंपत्ति को बेच देता। राहुल के कहने पर ही शिवपुरी अस्पताल में बच्चा चुराने आई थी। राहुल किसी ढाबे पर काम करता है। वहीं पूछताछ में महिला सिर्फ यही कह रही है कि वह बच्ची को अगवा कर शिवपुरी से बस पकड़कर झांसी पहुंची। झांसी से बस बदलकर ललितपुर पहुंच गई। ललितपुर से महरौनी की बजाय गलती से सागर वाली बस में बैठ गई। कोतवाली टीआई कृपाल सिंह ने बताया कि शारदा को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट से 3 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर लिया है।
पति और दो प्रेमी को छोड़, चौथे प्रेमी के संग रह रही थी 4 बच्चों की अम्मा आरोपी शारदा
टीआई कृपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि 29 अक्टूबर को ही जेठ व भतीजे के जरिए शारदा का मोबाइल नंबर मिला फिर महिला शारदा की पहचान कर ली गई थी। बड़ागांव में मां हीरो बाई व दो बहनें लक्ष्मी और अनरू का पता लगा। शारदा का पहला पति रामअवतार निवासी ग्राम हीरापुर तहसील कोलारस का रहने वाला है। इस पति को छोड़कर मोगिया से प्रेम प्रसंग चला। फिर दूसरे प्रेमी ठाकुर के संग रही और अब महरौनी में चौथे प्रेमी राहुल जाटव के संग रहने लगी थी जिसने बच्चा चोरी करवाया ऐसा महिला का कहना है।
सफलता के झंडे गाड़ने वाले एसपी अमन सिंह बोले















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