इस मामले में बकौल जैन उन्हें करीब पांच दिन ग्वालियर रुकना था और शिवपुरी का घर सूना रहता इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से उन्होंने एक छोटे बैग में जेवर रखे उसे बड़े बैग में रखा और पत्नी कुसुम जैन के साथ 12 नवंबर की सुबह 9.30 बजे बस से ग्वालियर निकले लेकिन जब ग्वालियर में पत्नी ने बताया कि बड़े बैग के अंदर से छोटा बेग गायब है तब बकौल जैन उन्होंने घर के सदस्य को शिवपुरी वाले घर भेजा ये देखने की बेग घर पर ही तो नहीं छूट गया। लेकिन जब बैग नहीं मिला तो उन्होंने कोतवाली पुलिस में घटना को लेकर आवेदन दिया बकौल जैन लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया और घटना ग्वालियर शिवपुरी के बीच होने पर जांच की बात कही। लेकिन उक्त मामले में टी आई कृपाल सिंह राठौड़ का कहना है कि घटना के बाद जब जैन साहब कोतवाली के एचसीएम से मिले और आवेदन दिया तो वे गहनों के वजन को लेकर स्पष्ट नहीं बता रहे थे जिस पर एचसीएम ने उन्हें बताया था कि इस तरह के मामले में केस दर्ज होगा आवेदन नहीं लिया जा सकेगा लेकिन जैन साहब ने सिर्फ सूचनार्थ आवेदन देने की बात कही थी लेकिन बाद में उन्होंने मीडिया के समक्ष केस दर्ज न किए जाने की बात कही है।
शिवपुरी से ग्वालियर के बीच नहीं मिला इनपुट
शिवपुरी पुलिस ने शिवपुरी से लेकर ग्वालियर बस तक जांच की जिसमें कोई इनपुट नहीं मिला। जैन दंपत्ति बस में तीन सीट वाली सीट पर बैठे थे। खिड़की के पास उनकी पत्नी वही बेग अपने साथ लेकर बैठी थी, बीच में जैन साहब और किनारे पर कोई अन्य यात्री बैठकर ग्वालियर गया। यहां से ऑटो में पीछे बैठकर जैन दंपत्ति मुरार तेरहवीं में गए आगे ऑटो चालक था। जो जानकारी हैं साहब ने पुलिस को दी उसके अनुसार कार्यक्रम के बाद जब बैग नहीं मिला तो जैन साहब ने छानबीन की। शिवपुरी पुलिस को अंदेशा है कि बस या ऑटो में उनका बैग नहीं गया बल्कि किसी अन्य जगह गया हो ये हो सकता है। संभव है ग्वालियर वाले घर में कहीं गुम गया हो इसकी पड़ताल मुरार पुलिस बेहतर करती इसलिए भी केस दर्ज करने में देरी हुई हालाकि शिवपुरी पुलिस जांच कर रही है।















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