पढ़िए क्या लिखा है लंबे सोसाइट नोट में
कोतवाली इलाके में रहने वाली 24 साल की युवती ने जिस 6 पेज के सुसाइड नोट को लिखकर अपनी एफबी अकाउंट पर शेयर किया, उसके बाद में नीद की गोलिया गटक ली थी। परिजन उसे मेडिकल कॉलेज ले गए जहां उसका उपचार जारी है। नेहा ने अपने 6 पेज के सुसाइड नोट में कई लोगों पर आरोप लगाए हैं। तो वहीं अपनी मौत के जिम्मेदार लोगों का जिक्र भी किया है। खास बात है कि नेहा ने अपनी अंतिम इच्छा केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से व्यक्त की है।
पढ़िए क्या लिखा
मैं अपने पूरे होश में ये Suicide पत्र लिख रही हूँ। मेरी मौत का कारण जिला शिवपुरी की प्रथम नागरिक गायत्री शर्मा और उनके पति संजय शर्मा हैं। इन दोनों पति-पत्नी को पूर्व से ही मेरे और इनके पुत्र रजत शर्मा के प्रेम प्रसंग का पता था और गायत्री शर्मा ने भी मुझसे बोला था कि बेटा मुझे कोई आपत्ति नहीं है तुम्हारे और मेरे बेटे के रिश्ते से। मैं तुम्हारे घर पर शादी की बात कर लूंगी और रजत ने शुरू से ही शादी का झूठा वादा करके मुझे फँसाया। जब मुझे पता चला रजत और उनके घर वाले दोनों मिलकर पागल बना रहे हैं और कहीं और दूसरी जगह अपनी सगाई 14 अप्रैल 2025 को बैराड़ की लड़की से कर रहे हैं तो 10 अप्रैल को रजत ने मुझे बोला मेरी मम्मी से बात कर लो मैंने अपनी पूरी कोशिश कर ली तब मैं उनके घर पर गई वहाँ मुझे बुलाकर गायत्री शर्मा ने मुझे जान से मारने की धमकी दी और ये बोला कि शादी तो मैं नहीं करवाऊंगी, तुम व्यापार और बलिदान करना सीखो और काफी सारी गाली-गलौज दी, तब इनका लड़का साथ में ही था।
इसके बाद 14 अप्रैल को जब मैं थाने पहुँची तो सारे Evidence होने के बाद भी City Kotwali में 5 बजे बैठाकर रखा और कोई कार्यवाही नहीं की गई। उसके बाद उनकी सगाई धूमधाम से संपन्न हुई और मुझे मेरे घर वालों को राजनीतिक दबाव और झूठा आश्वासन देकर गायत्री शर्मा ने वहाँ से मुझे बुला लिया। उसके बाद 15 दिन मुझे बेहद मारा गया। मार के बोला गया। 15 अप्रैल 2025 को पटेल फार्म हाउस की कोठरी पर रजत का पूरा परिवार और मेरा पूरा परिवार उपस्थित हुआ। वहाँ भी इन लोगों ने मुझ पे झूठे आरोप लगाए और मेरे घर वालों को बेइज्जत किया।
ये Story मैं इसलिए लिख रही हूँ कि लोगों को ये पता चले कि लड़की हमेशा गलत नहीं होती है और 15 दिन तक मुझे और मेरे परिवार पर दबाव बनाया गया कि मैं या तो पैसा लेके शांत रहूँ या खुद न रहूँ। 15 दिन 14 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक गायत्री शर्मा और उनके पति द्वारा मेरे घर पर शिवपुरी के गुंडे, बदमाश और राजनीति वाले लोगों को भेजा गया, डराया गया, धमकाया गया। और मेरे बारे में इन लोगों ने हर प्रकार की गंदी बातें की, गालियाँ दीं, मुझे मानसिक तरीके से इतना परेशान किया, मेरी बदनामी की गई, मैं पैसे में बिकने वाली लड़की हूँ।
जब इन लोगों की मैंने बात नहीं मानी और मैंने सिर्फ शादी का ही बोला और मैंने 30 अप्रैल 2025 से रजत शर्मा के खिलाफ शादी का झूठा वादा करके शारीरिक शोषण का केस करवाया। इस 15 दिन में शहर के नामचीन लोग जो समाज के ठेकेदार बनते हैं। इन लोगों ने मेरी बोली लगाई। इसमें 14 अप्रैल 2025 से 30 अप्रैल 2025 तक के वक्त में शिवपुरी के BJP Party के नेता और Retired Police Officer भी शामिल थे।
और आज मेरी स्थिति के जिम्मेदार ये लोग तो हैं ही लेकिन जिस पुलिस प्रशासन के पास मैं न्याय की उम्मीद से गई वो पुलिस भी पूरी तरह से बिकाऊ पुलिस निकली। जब मैं 30 अप्रैल 2025 को FIR कराने पहुँची तब वहाँ मौजूद एक जिम्मेदार Police officer ने बोला मैडम 50 लाख ले लो। आपका ऑफर ये है, तब मुझे अंदर ऐसा लगा कि इस Police officer के गाल में इतना जोरदार थप्पड़ मारूँ लेकिन मैं मजबूर थी। और city kotwali shivpuri मेरे case में पूरी तरह से बिक गई थी। इन लोगों ने जानबूझ कर मेरी FIR" नहीं लिखी।
मैं सबसे हार चुकी इसलिए ये गलत कदम उठा रही हूं मेरे मरने के बाद जो भी मेरी Property है वो मेरे भाई के नाम पर कर दी जाये और मेरी माता जी को न्याय दिलाये मुख्यमंत्री और मोदी जी। यहाँ बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी करते हैं। लड़कियों के सम्मान के लिये सब झूठ है।
मेरी आत्मा को भी चूर-चूर कर दिया है इन सब लोगों ने जिससे भी न्याय माँगा वो भ्रष्ट निकले। गायत्री शर्मा का ड्राइवर सोनू पंडित, भाई महादेव शर्मा, नरेन्द्र शर्मा उनकी बहन मुरैना वाली सबने मेरे ऊपर आरोप लगाये गालियाँ दीं, मुझे बदनाम किया। मेरी सामाजिक छवि को धूमिल किया। पूर्व में मैंने कई बार आवेदन दिये, उन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई और पुलिस विभाग द्वारा ये कह कर मेरा आवेदन रख लिया गया कि फिर से दो आवेदन। 6 महीने से यही चल रहा है। जिनके आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। ये बात मैं इसलिए social media पर डाल रही हूँ कि मेरे मरने के बाद ये लोग राजनीतिक दबाव और रिश्वत के चक्कर में इसे भी दबा देंगे। और अब मुझे प्रशासन, शासन पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। 164 के बयानों में मैंने अपने case से related सारे बयान दिये हैं और पुलिस को सारे Evidence दिये। न्यायालय से मेरा इतना ही निवेदन है कि न्यायालय ही मुझे न्याय दिलवा पायेगा। जिस भी सरकारी वकील के पास मेरा case जाये वो कृपा करके मेरे case में रिश्वत न ले और मुझे न्याय दिलवाये। और अगर प्रशासन, शासन और न्यायालय भी मुझे न्याय नहीं दिलवा पाए तो मेरा भगवान मुझे न्याय देगा और इस अधर्म समाज को देखेगा"। मैंने FIR में गायत्री शर्मा का नाम डालने को बोला तो वहां भी मुझे चुप करा दिया Police officer द्वारा। और ये बोला अपराध बेटे ने किया है, माँ ने नहीं किया। जबकि लड़के की माँ और बाप दोनों ही दोषी थे। मुझे पुलिस ने हर बार धोखे में रखा कि जब लड़के ने 9 मई 2025 को शिवपुरी court में जमानत के लिये apply किया और जब इस बारे पहले मुझे सूचना ही नहीं दी। ग्वालियर हाई कोर्ट में anticipatory bail के लिये जब वो गया 16 मई को और 19 मई को सुनवाई थी और 17 मई को ग्वालियर में उसकी Date थी। Shivpuri police ने city Kotwali shivpuri leaked my photos and videos with media without my permission और एक बात बताना चाहती हूँ 17 may 2025 को High Court से bail order में ये लिखा हुआ था। Investigation is almost complete फिर भी city kotwali ने 7 महीने में मेरा चालान पेश किया बल्कि Heinous crime में 3 month के अंदर चालान पेश करना पड़ता है। मेरे द्वारा दिये गये कई आवेदन की same date में सुनवाई नहीं की गई। बस धोखे में रखा गया और मेरे Case को कमजोर किया। और राजनीति में रहने वाले लोगों ने support किया। ये पूरा सिस्टम बिकाऊ है not only one all corrupted। आज मैं हार गई मुझे अब न्याय नहीं मिल सकता। हर कोई बिकाऊ है और ये भारतीय जनता पार्टी के लोग हैं हर कोई को खरीदने का दम रखते हैं। और मुझे इन सब लोगों ने बहुत प्रताड़ित किया मेरा मन बहुत दुखी है। मुझे इन लोगों ने बहुत परेशान किया। अब मुझे न्याय नहीं मिलेगा। और यहाँ सब बिकाऊ है। इसलिये मैं अपनी Life को खत्म कर रही हूँ। गायत्री शर्मा के कई लोगों का हाथ है। मुझे यहाँ यहाँ से धमकियाँ आती हैं, काट देंगे, मार देंगे, इसलिये मैं खुद ही आत्महत्या कर रही हूँ। ये सब लोग मेरी मौत के जिम्मेदार हैं।
मैंने कई बार आवेदन दिये इसके खिलाफ लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। मैंने यशोधरा राजे सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों को अपनी समस्या बताई कई बार Mail किया। मिलने का प्रयास भी किया। लेकिन इन लोगों ने भी मेरी कोई बात नहीं सुनी, मिलने का समय तक नहीं दिया। इनके पास भी सिर्फ पैसे वालों का ही काम है, गरीबों का नहीं। मेरी आखिरी इच्छा यही है जीते जी मुझे न्याय नहीं मिला मरने के बाद ये शिवपुरी राजनीति के बड़े-बड़े चेहरे मुझे न्याय दिलायें।
और ज्योतिरादित्य सिंधिया महाराज साहब, मेरे मरने के बाद मेरी माँ को न्याय दिलाये, मुझे आपसे जीने की आखिरी उम्मीद थी। यहाँ बहुत गंदे लोग रहते हैं, बस अच्छे होने का नाटक, मुझे अब यहाँ और नहीं रहना। इन लोगों ने मुझे मानसिक और सामाजिक रूप से खत्म कर दिया। और यहाँ का system पूरी तरह से corrupted है। Shivpuri Police administration मेरी मौत के मामले की जांच cbi agency द्वारा करायी जाये। यहाँ के Police वाले बिकाऊ और नेताओं के गुलामी करने वाले हैं।"











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