शिवपुरी। "गाड़ी वाला आया कचरा छोड़ पहले पैसे निकाल", कोई बड़ी बात नहीं दोस्तों आपको ये गाना कुछ इसी तरह सुनाई देने लगे। जी हां नगर के लोगों पर
नगर पालिका परिषद शिवपुरी ने 22 नवंबर 2024 को साधारण सभा में पारित घर-घर कचरा संग्रहण शुल्क की नई दरों यानि गब्बर टैक्स को लागू कर दिया है।
शहर के दुकानदार तो पिछले महीने से इस राशि का भुगतान कर भी रहे हैं लेकिन अब जबकि घर घर आने वाली कचरा गाड़ी के चालक ने कचरा बाद में पहले पैसे मांगने शुरू किए तब लोगों को समझ आया कि नपा की वसूली शुरू हो चुकी है। लोगों ने इसका विरोध जताते हुए कहा कि हम घरों का हाउस टैक्स, जल कर देते हैं उसी में सफाई शुल्क शामिल रहता है फिर ये अलग से गब्बर टैक्स किस बात का ?
बता दें कि शहर के अलग-अलग वार्डों में चल रही कचरा संग्रहण गाड़ियाँ अब आम नागरिकों, दुकानदारों और संस्थानों से सीधे मासिक शुल्क की मांग कर रही हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कचरा गाड़ी स्टाफ यह कहकर पैसा मांग रहे हैं कि नगर पालिका का नया आदेश लागू हो गया है, जबकि नगर पालिका की ओर से अब तक न तो किसी प्रकार की लिखित अधिसूचना घर-घर पहुंचाई गई, न ही भुगतान की स्पष्ट प्रक्रिया, रसीद प्रणाली या अधिकृत एजेंसी की जानकारी सार्वजनिक की गई है। इसके बावजूद कई स्थानों पर पैसे न देने की स्थिति में कचरा न उठाने की मौखिक चेतावनी दी जा रही है।
नागरिकों का यह भी कहना है कि परिषद के प्रस्ताव में आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित करने की बात कही गई थी, लेकिन उससे पहले ही वसूली शुरू कर देना नियमों की भावना के विपरीत है। इससे आम लोगों में भ्रम और नाराजगी दोनों बढ़ रही है। खासकर छोटे दुकानदार, फूड स्टॉल संचालक, क्लीनिक और स्कूल संचालक खुद को असमंजस में बता रहे हैं कि भुगतान किसे और कैसे किया जाए।
नगर पालिका प्रशासन की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई स्पष्ट सार्वजनिक बयान सामने नहीं आया है कि कचरा गाड़ी कर्मियों को वसूली के लिए कब, किस आदेश से और किन शर्तों पर अधिकृत किया गया है। ऐसे में यह सवाल उठने लगे हैं कि कहीं यह व्यवस्था निजी ठेकेदारों की वसूली का माध्यम तो नहीं बन जाएगी।
शहर में फिलहाल यह मामला चर्चा का वायस बना हुआ है और नागरिक नगर पालिका से स्पष्ट दिशा-निर्देश, पारदर्शी बिल व्यवस्था और लिखित सूचना जारी करने की मांग कर रहे हैं।
*कचरा संग्रहण शुल्क – निर्धारित दरें घरेलू श्रेणी
घर – ₹45 प्रति माह |,₹540 वार्षिक
व्यावसायिक एवं संस्थागत
दुकान – ₹60 प्रति माह | ₹720 वार्षिक
मैरिज गार्डन – ₹60,000 वार्षिक
क्लिनिक (500 वर्गफुट तक) – ₹500 प्रति माह
छोटे स्कूल (500 विद्यार्थियों तक) – ₹2,000 प्रति माह
बड़े स्कूल (500 से अधिक विद्यार्थी) – ₹5,000 प्रति माह
शॉपिंग मॉल (1000 वर्गफुट तक) – ₹20,400 वार्षिक शॉपिंग मॉल (1000 वर्गफुट से अधिक) – ₹24,000 वार्षिक
औद्योगिक भवन – ₹12,000 वार्षिक
अस्पताल (500 वर्गफुट से अधिक) – ₹43,200 वार्षिक
मेडिकल कॉलेज – ₹1,000 प्रति माह फूड स्टॉल – ₹210 प्रति माह
थोक कचरा उत्पादक
100 किलो प्रतिदिन तक – ₹900 प्रति माह
100 से 300 किलो प्रतिदिन – ₹1,800 प्रति माह
मांस/मछली विक्रेता – ₹900 प्रति माह
अन्य शुल्क
कार्यक्रम/आयोजन में कचरा उठाव – ₹500 प्रति चक्कर
स्वयं वाहन से डंपिंग ग्राउंड पर कचरा डालना – ₹300 प्रति माह (₹100 प्रति वाहन)
निर्माण एवं विध्वंस सामग्री – ₹500 प्रति चक्कर हॉस्टल – ₹1,000 प्रति माह
कुल बिल राशि पर अधिभार – 10%










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