इसके बाद वरिष्ठ पत्रकार परवेज खान ने भी मौके की स्थिति बयान की। उन्होंने कल भी देबू समाधियां को अपनी सूझबूझ से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी और कोतवाली टीआई कृपाल सिंह राठौड़, अमित चतुर्वेदी और राजावत, उस्मान, संतोष के साथ उसे और राहुल को जीप से सुरक्षित निकाला था। आज गम्भीरता से पूरी बात रखी। विपिन शुक्ला, सत्यम पाठक, अशोक अग्रवाल, राकेश शर्मा, प्रमोद भार्गव, अनुपम शुक्ला, सत्यम शर्मा, ऋषि शर्मा , पूनम पुरोहित आदि ने भी अपना पक्ष रखा और बताया कि किस तरह मारपीट की नौबत आई, आईडी तक छुड़ाई गई।
इसके बाद जब कलेक्टर रवीन्द्र कुमार ने डीन परमहंस से अपना पक्ष रखने कहा तो उन्होंने कहा कि "कल की घटना दुर्भाग्यपूर्ण रही, अचानक ऐसा हुआ जिसकी कल्पना नहीं थी। हमारे छात्र की जान बचाने में हम जुटे थे। भोपाल में उसे पूरी तरह इलाज कर खतरे से बाहर निकाल लिया है। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ छात्र काबू के बाहर हैं हमने उन पर कारवाई की है। उनके परिजनों को भी बताया है लेकिन अब हम और ठोस करवाई करेंगे जो आवश्यक हो गया है। लेकिन मीडिया के साथ जो हुआ उसके लिए हम माफी चाहते हैं।"
ये सारी बात सुनकर मीडिया ने उन्हें माफ कर दिया।
मीडिया करेगी कवरेज
* साथ ही मेडिकल कॉलेज में मीडिया कवरेज का दायरा तय करने पर चर्चा हुई। डीन ने कहा कि मीडिया को कवरेज करने से कोई नहीं रोकेगा। साथ ही पी आर ओ राहुल अस्थाना को दोबारा नौकरी पर रखने का अनुरोध भी स्वीकार कर लिया गया।
सुबह दिए थे ज्ञापन
सोमवार को सुबह प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ, जंप सहित अन्य संगठनों ने जिला कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के नाम एक ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा था कि पत्रकार निष्पक्ष और निर्भीक होकर जनहित में कार्य करता है। कवरेज के दौरान पत्रकारों के साथ किया गया ऐसा दुर्व्यवहार न केवल कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाता है, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी सीधा प्रहार है।
पत्रकारों ने प्रशासन से अनुरोध किया था कि इस गंभीर प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए शीघ्र न्यायोचित कार्रवाई की जाए। इस अवसर पर जिले के समस्त पत्रकार साथी उपस्थित रहे।
ज्ञापन में थी ये प्रमुख मांगें
* घटना के जिम्मेदार मेडिकल कॉलेज के डीन से माफी मंगवाई जाए।
* घटना में शामिल दोषियों की तत्काल पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
* पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु पुलिस विभाग द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।










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