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#धमाका_न्यूज: प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम "सेवातीर्थ" किये जाने पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने PM को चिठ्ठी लिखकर जताया विरोध, लिखा, पुनर्विचार करें

रविवार, 14 दिसंबर 2025

/ by Vipin Shukla Mama
मेरठ। प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम "सेवातीर्थ" किये जाने पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने PM को चिठ्ठी लिखकर विरोध जताया है। शंकराचार्य धार्मिक शब्दावली के दुरूपयोग से आहत है। उनके विरोध के कई तर्क भी है। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नाम पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उनका विरोध मुख्य रूप से धार्मिक शब्दावली के दुरुपयोग पर आधारित है: 
"तीर्थ" की पवित्रता: शंकराचार्य के अनुसार, सनातन परंपरा में "तीर्थ" एक अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक महत्व वाला शब्द है, जिसका उपयोग केवल धार्मिक और पवित्र स्थलों, जैसे प्रयागराज, काशी, या चारधाम के लिए किया जाता है।
शास्त्रसम्मत नहीं: उनका तर्क है कि एक सरकारी या प्रशासनिक कार्यालय जहाँ राजनीतिक और सांसारिक कार्य होते हैं, उसे "तीर्थ" कहना शास्त्रसम्मत या उचित नहीं है।
              (सुनिए क्या कहा video)
धार्मिक भावनाओं को आघात: उन्होंने कहा कि इस तरह का नामकरण सनातन धर्म के मूल तत्वों पर आघात है और इससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। 
शंकराचार्य ने मांग की है कि "तीर्थ" शब्द को हटाकर, यदि सरकार चाहे तो कोई अन्य नाम रख सकती है, लेकिन इस पवित्र शब्द का प्रयोग सरकारी कार्यालय के लिए न किया जाए। 
यह नामकरण केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत बनाए गए नए एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव-1 भवन परिसर के लिए किया गया है, जहां पीएमओ शिफ्ट होने जा रहा है। 











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