*केंद्रीय टेलीकम्युनिकेशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि संचार साथी ऐप को मोबाइल फोन से डिलीट किया जा सकता है और जब तक यूजर इस पर रजिस्टर नहीं करेगा, तब तक यह काम नहीं करेगा। लोकसभा में बोलते हुए, सिंधिया ने जासूसी की अटकलों को गलत बताया
Delhi दिल्ली। मोबाइल फोन में संचार साथी को पहले से इंस्टॉल किए जाने के मामले के तूल पकड़ने के बाद सरकार ने फैसला बदल दिया है। सरकार ने कहा है कि फोन में पहले से इस ऐप को इंस्टॉल करना अनिवार्य नहीं होगा। इससे पहले, मोबाइल निर्माता कंपनियों को निर्देश दिया गया था कि फोन में इस ऐप को प्री-इंस्टॉल करना जरूरी होगा और उसे डिसेबल भी नहीं किया जा सकेगा। बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के एक सवाल का जवाब देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मैं देश के सामने सारे फैक्ट्स रखना चाहता हूं। हमारे पास एक अरब (मोबाइल) यूजर हैं, लेकिन कुछ लोग हैं जो इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं। नागरिकों को सुरक्षित रखना सरकार का काम है। इसी सोच के साथ 2023 में संचार साथी पोर्टल शुरू किया गया था, और ऐप 2025 में लाया गया। हमने सभी नागरिकों को एक चॉइस देने का फैसला किया। अगर ऐप आपके फोन पर है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि यह अपने आप काम करेगा। जब तक यूज़र ऐप में रजिस्टर नहीं करता, यह काम नहीं करेगा।''
संचार साथी ऐप को पहले से इंस्टॉल करने की अनिवार्यता खत्म
कम्युनिकेशन मिनिस्ट्री ने बताया कि सरकार ने संचार साथी ऐप को पहले से इंस्टॉल करने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। इसके पहले 28 नवंबर के आदेश में कहा गया था कि नए स्मार्टफोन में संचार साधी ऐप पहले से डाला जाए यानी कंपनियां उसे प्री इंस्टॉल कर के दें। पुराने फोन में अपडेट से इस ऐप को डालना होगा। पहली बार इस्तेमाल के समय ऐप दिखना चाहिए और कंपनियां इसे बंद न करें। हालांकि, टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साफ कहा कि ये ऐप वैकल्पिक है और यूजर इसे डिलीट कर सकते हैं। कम्युनिकेशन मिनिस्ट्री ने बयान में कहा, "सभी नागरिकों को साइबर सिक्योरिटी देने के इरादे से सरकार ने सभी स्मार्टफोन में संचार साथी ऐप का प्री-इंस्टॉलेशन जरूरी कर दिया था। यह ऐप सुरक्षित है और पूरी तरह से साइबर दुनिया में बुरे लोगों से नागरिकों की मदद करने के लिए है। संचार साथी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, सरकार ने मोबाइल बनाने वालों के लिए प्री-इंस्टॉलेशन जरूरी नहीं करने का फैसला किया है।"
मिनिस्ट्री ने कहा, "यह सभी नागरिकों को ऐसे बुरे लोगों और कामों की रिपोर्ट करने में जन भागीदारी में मदद करता है, साथ ही यूजर्स को भी बचाता है। ऐप में यूजर्स को बचाने के अलावा कोई और काम नहीं है और वे जब चाहें ऐप हटा सकते हैं। सरकार ने यह साफ कर दिया है।" मिनिस्ट्री ने कहा कि अब तक 1.4 करोड़ यूज़र्स ने यह ऐप डाउनलोड किया है और हर दिन 2000 फ्रॉड की घटनाओं की जानकारी देने में मदद कर रहे हैं। यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है और ऐप इंस्टॉल करने का आदेश इस प्रोसेस को तेज करने और कम जागरूक नागरिकों को आसानी से ऐप उपलब्ध कराने के लिए था। मिनिस्ट्री ने आगे कहा, "सिर्फ पिछले एक दिन में, 6 लाख नागरिकों ने ऐप डाउनलोड करने के लिए रजिस्टर किया है, जो इसके इस्तेमाल में 10 गुना बढ़ोतरी है। यह सरकार द्वारा उन्हें दी गई खुद की सुरक्षा के लिए इस ऐप पर नागरिकों के भरोसे का सबूत है।"










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