#शिवपुरी के गुरुद्वारा में
अलग अंदाज में मन रही जयंती
( रविंदर बतरा की रिपोर्ट )
शिवपुरी। सिख धर्म के संस्थापक
श्री गुरुनानक देव की 551 वीं जयंती 30 नवंबर, सोमवार को प्रकाश पर्व के रूप में जिले भर में हर्षोल्लास से मनाई जा रही है। जिसकी तैयारियों के क्रम में #शिवपुरी का गुरुद्वारा रोशनी से नहाया हुआ नजर आया, यहां आकर्षक विद्युत साज सज्जा की गई है। वहीं पहली मंजिल पर तैयार 70 वाई 70 के एसी दरबार हॉल में दूसरी बार गुरुनानक जयंती का मुख्य कार्यक्रम हो रहा है। नगर के एबी रोड स्थित गुरुद्वारे को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। सुबह से ही गुरुद्वारे पर सिख धर्मावलंवियों का आना शुरु हो गया। सुबह 8 से 8ः30 बजे तक अरदास का आयोजन। 9 बजे अखंड पाठ की संपूर्णता के बाद भजन, कीर्तन आदि धार्मिक आयोजन दिन भर जारी हैं।
कोरोना के चलते बारी बारी से मिला प्रवेश
कोरोना को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन से मिले निर्देश पर यहां खास व्यवस्था की गई। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य मौजूद रहें जो एक एक कर श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा में सुरक्षित दूरी के साथ प्रवेश करने दे रहे थे। एक बार में 15 लोग दर्शन कर सके सैनिटाइज करने के साथ मास्क की व्यवस्था भी की गई।
लंगर नहीं, सूखा प्रसाद बटा
नहीं निकलेगा नगर कीर्तन
इस बार नगर कीर्तन नहीं निकाला जाएगा। गुरुद्वारा में ही कार्यक्रम होंगे। शाम को आतिशबाजी भी नहीं होगी।
ये दिन है खास
सिख धर्म के संस्थापक, गुरुनानक देव जी के जीवन के स्मरण और सम्मान के लिए गुरुनानक जयंती मनाई जाती है। उनका जन्म 1469 को पंजाब के ननकाना साहिब में हुआ था। कहा जाता है कि उनका जन्म देवत्व का प्रतीक था। वह सबका मालिक एक सूत्र में दृढ़ विश्वास रखते थे और उन्हें यह भी विश्वास था कि एक व्यक्ति अपनी प्रार्थना के माध्यम से ईश्वर से जुड़ सकता है।
सहयोग की अपील
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सुरिंदर सिंह गिल बिट्टू, मीत प्रधान सरदार केसरसिंह, अजमेरसिंह, मिलाप चंद विरमानी, विजय खालसा, विक्रम सिंह, जनरल सेकेटरी सुरेंदर सिंह बॉबी, कोषाध्यक्ष हरविंदर सिंह भाटिया एवम टीम के सदस्यों ने सभी को गुरुनानक देव जयंती की लख लख बधाइयां देते हुए सहयोग की अपील की है।

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