- अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस
- प्रजापति सुपोषण सखी हैं नीलम
- अन्तर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के अवसर पर सुपोषण सखियों एवं न्यूट्रीशन चैम्पियनस को किया जागरुक
शिवपुरी। एक बार फिर 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस है, जिसे आज हम मनाने जा रहे हैं लेकिन इसके सार्थक परिणाम सामने आने आज भी बाकी हैं। अपनों के ही सितम से आधी आबादी कराह रही है। कभी पतियों के नशा करने का विरोध करना महंगा पड़ जाता है, तो कभी दहेज की खातिर उत्पीड़न होता है।
मदकपुरा के स्कूल परिसर में स्वयंसेवी संस्था शक्तिशाली महिला संगठन द्वारा आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में संस्था की सुपोषण सखी नीलम प्रजापति ने यह बात कही। जिले में घरेलू हिंसा रोकने महिलाओं को खुद आगे आना होगा। उनको हिंसा का विरोध पहली बार में ही करना होगा यह बात एएनएम आरती कबीर ने आज आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में कही।
उन्होने अपने क्षेत्र की एक सच्ची घटना भी बताई कि शराब के नशे में धुत एक पिता जो अपनी जवान बेटी को अपनी हवश का शिकार बनाना चाह रहा था तो बच्ची की मां ने न केवल इसका विरोध किया बल्कि समाज व इज्जत की परवाह न करते हुए पति को उसकी गलती के लिए जेल तक पहुंचाया। आज वह मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार व बेटियों का पालन पोषण अच्छे से कर रही है लेकिन वह डरी नहीं बल्कि उसने अपनी आवाज उठाई तो पुलिस ने शराबी पति को जेल भेजा। सुपोषण सखी अमृता शाक्य ने कहा कि घरेलू हिंसा के मामले आने पर पहले सुलह कराने की कोशिश होती है, पर बात नहीं बनने पर कार्रवाई की जाती है। इस दिवस को मनाने का मकसद तभी पूरा हो पाएगा जब सिर्फ महिला ही नहीं बल्कि समाज के लोग इस दिशा में आगे आएंगे।
आप चुप न बैठें
संस्था के संयोजक रवि गोयल ने कार्यक्रम में किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं से कहा कि आप चुप न बैठें, अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
उन्होने कहा कि देखने में आ रहा है कि घरेलू हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं जो समाज के लिए ठीक नहीं है। इसलिये महिलाएं जागरूक बने। हिंसा का शिकार होने पर चुपचाप न बैठें। 1091 पर काॅल करें अपनी शिकायत दर्ज कराएं। अब तो कई फोरम भी चल रहे हैं, उनकी मदद भी लें। सबसे वड़ी बात यह है कि जो महिला 15 साल बाद अपने खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए जो आवाज उठाती है, अगर वह पहली बार में ही अपनी आवाज बुलुन्द करें तो इतने सालों तक हिंसा न सहना पड़े इसके लिए महिलाएं शिक्षित बने। अपने अधिकारों के बारे में जाने ऐसा होने पर स्वयं घरेलू हिंसा के मामलो में कमी आएगी। हिंसा का शिकार होने पर न्याय पाने के लिए आवाज जरूर उठाएं, चुप बैठकर सहन न करें। आप शिवपुरी के वन स्टाॅप का्ईसिस सेन्टर से सहयोग ले सकते है। वह हर समय आपकी मदद के लिए सदैव तत्पर है।
शिक्षित हो महिलाएं अधिकारों की लड़ाई लड़ें
केन्द्र की सहायिका एवं हमेशा किसी भी प्रकार के हिंसा का विरोध करने वाली राधा रानी यादव कहती हैं कि घरेलू हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं। महिला का किसी न किसी बात को लेकर उनका उत्पीड़न किया जाता है जो समाज के लिए उचित नहीं है। वे कहती हैं कि शिक्षित न होना कानून के प्रति जानकारी न होना महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा की वजह बन रही है। इसलिए जरूरी है कि महिलाएं शिक्षित बनें। कानून की जानकारी हासिल करें। अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ें। सुपोषण सखी अनीता पाल कहती हैं कि जो पति शराब का नशा करते हैं। महिलाएं विरोध करती हैं तो उन्हें परेशान होना पड़ता है। इससे निपटने का अच्छा तरीका है कि महिलाएं जागरूक हों। स्वयं इसके लिए एकजुट होकर लड़ाई लडे़ं। न्यूट्रीशन चैम्पियन सोनम सिंह कहती हैं कि महिलाओं को घरेलू हिंसा का डटकर मुकाबला करना चाहिए। पीछे नहीं हटना चाहिए।
अन्त में एएनएम आरती कबीर ने कार्यक्रम में सभी महिलाओं एवं बालिकाओं को किसी भी प्रकार की हिंसा का विरोध करने की शपथ दिलाई कहा कि हिंसा के प्रति खुद भी जागरुक बने एवं अपने आसपास की महिलाओं को भी जागरुक करें। कार्यक्रम में शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोयल एवं उनकी पूरी टीम, एएनएम आरती कबीर, संस्था की सुपोषण सखी नीलम प्रजापति, अनीता पाल, नर्मदा शाक्य , अश्विनी यादव के साथ आंगनवाड़ी की सहायिका राधा रानी यादव, न्यूट्रीशन चैम्पियन तथा मदकपुरा की महिलाएं एवं किशोरी बालिकाओं ने भाग लिया।

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