- पहली बेटी से ज्यादा चलाई इस बार अतिशबाजी
- शिवपुरी के युवा बन रहे मिसाल
- अब पत्रकार सुनील ने किया गौरवांवित
शिवपुरी। बेटी है अनमोल ये शब्द अब किताबो या जुमले तक नहीं असल कहानी बनकर सामने आने लगे हैं। शिवपुरी में अब बेटियां जन्में तो लोग खुशी मनाते हैं। दुल्हन की तरह कार सजाते हैँ फिर ढोल ताशो के साथ लाडो को अस्पताल से घर लाने लगे हैं। इसी तरह की मिसाल एक सप्ताह में दूसरी सामने आई है जबकि पहले भी कुछ उदाहरण हमे याद हैं जिनमें पलकों पर बिठाकर लाडो को घर आंगन मे लाया गया। इस बार शिवपुरी को पत्रकार सुनील रजक ने गौरवांवित किया है। एमएम अस्पताल के पीछे रहने वाले सुनील दूसरी बेटी के पिता बने तो पहली बेटी के जन्म पर छोड़ी आतिशबाजी से कहीं ज्यादा पटाखे छोड़े। उसे अरमानों के साथ

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