- 2 पत्रकार, 1 उपनिरीक्षक, सहित 3 अन्य पुलिस कर्मीयों पर केस दर्ज
शिवपुरी। उत्तरप्रदेश के लोगों को बीते दिनों करैरा आना महंगा पड़ गया था जब पुराने नोट रखकर उनके साथ न सिर्फ मारपीट की गई थी, बल्कि केस दर्ज कर 4 लाख रुपए की अवैध वसूली कर ली गई थी। इस मामले की तत्समय शिकायत एसपी राजेश सिंह चन्देल तक पहुंची थी तो घटना में शामिल पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। एएसपी प्रवीण कुमार केस की जांच कर रहे थे। जिसके बाद इसी मामले में अब पुलिस ने करैरा थाने के उन्हीं 4 पुलिसकर्मियों सहित 2 कथित पत्रकारों पर भ्रष्टाचार अधिनियम, 120 बी यानि षड्यंत्र कर फंसाने की धाराओं में शनिवार को केस दर्ज कर लिया। यह केस 1 उपनिरीक्षक, 1 एएसआइ व 2 आरक्षक व 2 पत्रकारों पर दर्ज हुआ। केस में जांच एएसपी ने की तो थाने के सीसीटीवी फुटेज, आरोपी पुलिसकर्मियों सहित पत्रकारों की कॉल डिटेल में अवैध वसूली की पुष्टि हुई। जिसके बाद करैरा टीआई को लाइन हाजिर करते हुए टीआई और एसडीओपी को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
यह था पूरा मामला
घटना बीती 24 नवंबर की है जब ललितपुर उप्र के रहने वाले सुभाषचन्द्र पुत्र रमेशचन्द्र यादव, यशवंत पुत्र जगदीश ठाकुर निवासी तालबेहट ललितपुर उप्र व नितेंद्र पुत्र रघुवीर राय निवासी हसारी झांसी उप्र
उस दिन करैरा किसी काम से आए थे तभी करैरा थाने की पुलिस ने उन्हें रोका। जिसमें उनि आदित्य सिंह राजावत, एएसआइ नरेंद्र सिंह यादव, आरक्षक अमित यादव, अनिल यादव शामिल थे। इनके साथ 2 पत्रकार भी थे। जिन्होंने इनको वायपास पर रोका। जहां से इन्हें थाने लाये। फिर मारपीट करते हुए 49 हजार रुपए के पुराने नोट इनके पास से बरामद होने की बात कहकर केस दर्ज कर लिया। साथ ही 4 लाख रुपए भी ले लिये थे। मामले की शिकायत पीड़ितों ने जब एसपी राजेश सिंह चंदेल से की थी। आवेदन में इनकी करतूत के साथ नाम भी उलेखित किये थे। तब एसपी ने एएसपी प्रवीण भूरिया को जांच सौंपी। प्राथमिक पड़ताल में गड़बड़ी पर पुलिस कर्मियों पर निलंबन की गाज गिराकर उन्हें वहां से हटाया गया। अब जबकि एएसपी ने मामले की आगे जांच की तो थाने के सीसीटीवी फुटेज, मामले में सभी आरोपियों की मोबाइल डिटेल, सीडीआर देखी तो उसमें यह प्रमाणित हुआ कि जिन पुलिसकर्मियों व पत्रकारों के विरुद्ध शिकायत आई वह सही है। जिसके बाद कार्रवाई को आगे बढाते हुए केस दर्ज कर लिया। बता दें कि इन पुलिसकर्मियों ने पुराने नोट का जो केस दर्ज किया उसमें धारा 489 सी लगा दी नोटों को जब्त करने की कार्रवाई होना थी। गलत धाराएं लगाकर पुलिस एक्ट का भी उल्लंघन किया गया है।
इसलिए बच गया देवेश
शिकायती आवेदन में पुलिसकर्मी देवेश तोमर का नाम भी लिखा था, लेकिन उक्त आरक्षक घटना से 5 दिन पहले छुट्टी लेकर मुरैना चला गया था, इसलिए देवेश का नाम इस प्रकरण से हटा दिया गया।
अमित को मिली करैरा की कमान
नगर के फिजिकल थाने से अमित भदौरिया को एकाएक करैरा की जिमेदारी दी गई। जिसके बाद आज इस मामले में बतौर फरियादी टीआई करैरा अमित भदौरिया ने आरोपी उनि आदित्य प्रताप सिंह राजावत, सउनि नरेन्द्र यादव, आरक्षक चालक अमित यादव, आरक्षक चालक अनिल यादव व कथित पत्रकार सौरभ भार्गव एवं कौशल किशोर भार्गव पर केस दर्ज किया। जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम धारा 7,13(1)(बी), 13(2) एवं भादवि की धारा 120 बी का प्रकरण दर्ज किया गया है। यह धाराएं गैर जमानती हैं।
टीआई शर्मा लाइन अटैच
4 लाख की अवैध वसूली के इस मामले में टीआई मनीष शर्मा की भूमिका को एसपी ने संदिग्ध मानते हुए लाइन अटैच कर दिया। साथ ही स्पष्टीकरण भी मांगा है। बताया जा रहा है कि उनि राजावत ने टीआई को फोन पर इस मामले की जानकारी दी थी जो कॉल डिटेल में आई है।
एसडीओपी को भी नोटिस
इधर एसडीओपी करैरा जीडी शर्मा को भी एसपी ने नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है।
पत्रकारों लाये थे पुराने नोट
जिन 10 लोगों पर पुराने नोट मिलने को लेकर केस दर्ज किया गया, उसमें उत्तरप्रदेश के लोगों के पास पुराने नोट नहीं थे, बल्कि आरोपित कथित पत्रकार सौरभ भार्गव व कौशल किशोर भार्गव ने यह 49 हजार रुपए के पुराने नोट पुलिस को उपलब्ध कराये। उनकी वीडियो बनाई और पुलिस के इस शर्मनाक कृत्य में बराबर का साथ दिया। इतना ही नहीं दोनों ने वसूली में मिली 4 लाख रकम से अपना हिस्सा भी ले लिया था। जांच में यह बात स्पष्ट हुई।
यह कहा एसपी चंदेल ने
करैरा में उत्तरप्रदेश के जिन लोगों के साथ अवैध वसूली की गई। उस मामले में 4 पुलिसकर्मियों सहित दो कथित पत्रकारों पर केस दर्ज किया गया है। एक आरक्षक का नाम जांच के बाद घटना में शामिल न होने के चलते इस मामले से हटाया गया है। टीआई को लाइन हाजिर कर दिया है। साथ ही टीआई सहित एसडीओपी से घटना को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है।
राजेश सिंह चंदेल, एसपी शिवपुरी

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें