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सहारा इण्डिया के विरूद्ध जिला उपभोक्ता आयोग का फैसला, रचना और अंजली को मिला न्याय

रविवार, 27 दिसंबर 2020

/ by Vipin Shukla Mama
सहारा इण्डिया के विरूद्ध 5,00,000 से अधिक व क्षतिपूर्ति अदायगी का आदेश
- जिला उपभोक्ता आयोग का जनहित फैसला, पृथक-पृथक आदेश पारित
आवेदकगण की ओर से पैरवी संजीव बिलगैयाँ एवं देवेन्द्र ओझा, अधिवक्ता द्वारा की गई
शिवपुरी। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग शिवपुरी द्वारा अपने उपभोक्ता हित अलग-अलग दो प्रकरणों में सहारा इण्डिया के विरूद्ध आदेश पारित करते हुए उपभोक्ता को कुल 5,00,000/- रुपये से अधिक तथा प्रकरण व्यय दिलाने का आदेश पारित किया है। प्रकरण के संक्षिप्त में आवेदिका रचना राठौर पत्नि  गोपाल राठौर एवं अंजली राठौर पुत्री  गोपाल राठौर द्वारा अपने अधिवक्ता संजीव बिलगैयाँ एवं देवेन्द्र ओझा की ओर से पृथक-पृथक याचिका माननीय जिला उपभोक्ता फोरम शिवपुरी के समक्ष इस आशय की प्रस्तुत की थी कि उनके द्वारा अनावेदकगण से कंपनी के बाॅण्ड पाॅलिसी 1,10,000- रु. तथा 1,05,000- रु. छैः वर्ष के लिए दि. 25.08.2012 को जमा किए थे, जिसकी परिपक्वता दि.25.08.2018 नियत थी। सहारा इण्डिया द्वारा आवेदिकागण को क्रमशः 2,58,979 तथा 2,55,000/- रु. प्रदाय किए जाने थे। इस प्रकार सहारा इण्डिया से आवेदिकागण को 5,00,000/- रु. से अधिक की राशि तथा ब्याज लेना शेष है। अनावेदक कार्यालय में उसकी रसीद प्रस्तुत कर दी है, परन्तु उनके द्वारा भुगतान नही किया जा रहा है। प्रकरण में अनावेदकगण सहारा इण्डिया की अनुपस्थिति पर आदेश पारित किया है। प्रकरण के अवलोकन के बाद जिला उपभोक्ता फोरम के न्यायधीश अध्यक्ष गौरीशंकर दुवे तथा सदस्य राजीवकृष्ण शर्मा द्वारा प्रकरण में आयी साक्ष्य तथा दस्तावेजों को सूक्ष्मता से अवलोकन करते हुए निर्धारित किया परिवादी की ओर से सहारा क्यू शाॅप प्लान-एच. के अंतर्गत राशि जमा करना पाया गया है। आवेदक ने स्वयं का शपथ पत्र पेश किया है तथा प्रस्तुत प्रमाण पत्र किसी भी प्रकार से फर्जी होना नही पाया जा रहा है। इस कारण उस पर अविश्वास करने का कोई आधार नही है। अनावेदकगण की ओर से दस्तावेजों का कोई खण्डन नही किया है। इस कारण आवेदक का परिवाद स्वीकार किया जाकर अनावेदकगण सहारा इण्डिया को आदेशित किया जाता है कि अनावेदकगण संयुक्त एवं पृथक-पृथक आज दिनांक से एक माह के अंदर अनावेदकगण को सहारा क्यू शाॅप प्लान-एच. में जमा की राशि 1,10,000/- रु. तथा 1,05,000/- रु. की परिपक्वता राशि अदा करे तथा मैच्योरिटी दिनांक से अदायगी दिनांक तक 7 प्रतिशत वार्षिक की दर से अतिरिक्त ब्याज अदा करे। आवेदकगण की ओर से पैरवी संजीव बिलगैयाँ एवं देवेन्द्र ओझा, अधिवक्ता द्वारा की गई।

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