जिला उपभोक्ता आयोग का जनहित फैसला
- उपभोक्ता को 1,29,062/- रु. तथा पिछले दो वर्ष का विद्युत बिल निरस्त कर क्षतिपूर्ति दिलाई
शिवपुरी। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग शिवपुरी द्वारा उपभोक्ता हित में फैसला सुनाया गया। जिसमें म.प्र. विद्युत मण्डल के विरूद्ध आदेश पारित करते हुए उपभोक्ता का 1,29,062/- रु. तथा पिछले दो वर्ष की समयावधि के विद्युत बिल निरस्त करते हुए 4000/- रु. प्रकरण व्यय दिलाने का आदेश पारित किया है। प्रकरण के संक्षिप्त में आवेदक प्रदीपकुमार गुप्ता अपने अधिवक्ता संजीव बिलगैयाँ एवं देवेन्द्र ओझा के माध्यम से एक शिकायत विद्युत मण्डल के विरूद्ध इस आशय की प्रस्तुत की थी कि उसके द्वारा एक घरेलू कनेक्शन प्राप्त किया हुआ है तथा विद्युत बिल की अदायगी उसके द्वारा नियमित की जाती है, परन्तु विद्युत मण्डल द्वारा विद्युत मीटर सही होने के बाद भी आंकलित खपत दिए जा रहे हैं। विद्युत मण्डल द्वारा आवेदक को एक माह में 14288 यूनिट खपत का बिल राशि 1,29,062/- रु. दे दिया है, जबकि पिछले माह तक आवेदक द्वारा बिल जमा किए गए है। शिकायत करने पर उस बिल को कम कर 72,706/- रु. कर दिया है। इस कारण बिल निरस्त घोषित किए जावें। अनावेदक विद्युत मण्डल ने बताया कि मीटर रीडिंग ना लेने के कारण आवेदक को आंकलित खपत के बिल दिए गए थे तथा आवेदक की शिकायत गलत पेश की गई है। माननीय जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग शिवपुरी के न्यायधीश अध्यक्ष गौरशंकर दुवे तथा सदस्य राजीव कृषण शर्मा ने प्रकरण में प्रस्तुत दस्तावेजों तथा तर्क उपरांत सूक्ष्मता से अवलोकन कर अभिनिर्धारित किया कि अनावेदक द्वारा यदि धारा 126 विद्युत अधिनियम के तहत आवेदक के परिसर का निरीक्षण किया गया तो उसकी तामील आवेदक पर कराई जाना थी, इस प्रकार की कार्यवाही की जाना प्रमाणित नही है। मात्र पंचनामा बना देने से यह नही कहा जा सकता है कि अनावेदक विद्युत के किसी सक्षम अधिकारी द्वारा पंचनामा की कार्यवाही मौके पर की गई है। आवेदक की शिकायत प्रमाणित मानकर अनावेदक विद्युत मण्डल के विरूद्ध आदेश पारित किया जाता है कि:- (1) अनावेदक द्वारा आवेदक को दिए गए आंकलित खपत बिल जो मई 2017 से फरवरी 2019 तक दिए गए है, वो सभी निरस्त किए जाते हैं। (2) विद्युत मण्डल द्वारा आवेदक को दिया गया बिल दि. 05.04.2019 राशि 1,29,062/- रु. निरस्त किया जाता है। (3) मण्डल को आदेशित किया जाता है कि एक वर्ष की मीटर रीडिंग निकालकर औसत के आधार पर संशोधित बिल जारी करे तथा आवेदक ने जो भी राशि आंकलित खपत बिलों की जमा की वह उसके संशोधित बिलों में समायोजित की जावे। (4) आवेदक को हुई शारीरिक, मानसिक परेशानी के लिए व वाद व्यय हेतु कुल 4000/- रु. विद्युत मण्डल अदा करेंगा तथा एक माह बाद उस पर 7 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज भी देगा। आवेदक की ओर से पैरवी संजीव बिलगैयाँ एवं देवेन्द्र ओझा, अधिवक्ता द्वारा की गई है।

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