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फ्लैश बैक स्पेशल: सुहाने सफर का साथी 'टेम्पू' अब बना 'कंडों' का 'लॉकर'

रविवार, 27 दिसंबर 2020

/ by Vipin Shukla Mama
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, झाँसी की सड़कों की रहा ये कभी शान 
भोपाल। आपका कनेक्शन यदि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, झाँसी से रहा है, तो जरा फलेश बैक में जाइये। आपको याद आ जायेगा कि तीनों ही व्यस्त नगरों की सड़कों की आन, वान, शान एक समय टेम्पू हुआ करते थे। सवारियों से लवरेज ये टेम्पू ग्वालियर के हजीरा से महाराज बाडा, मुरार तक दौड़ा करते थे जबकि भोपाल के 1 नम्बर स्टॉप से लेकर 11 नम्बर तक जबकि झाँसी के सीपरी बाजार से लेकर इलाइट टॉकीज, मेडिकल कॉलेज तक ये टेम्पू सड़कों पर नजर आते थे। सच पूछिए तो हड़ताल तभी मुकम्मल मानी जाती थी जब सड़क से टेम्पू हट जाते थे। मसलन इनकी रोबदारी खूब कायम रही। फिर समय ने करबट ली और इनसे निकलता धुंआ खटकने लगा। धीरे धीरे इन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। फिर दूसरे वाहनों ने इनकी जगह ले ली लेकिन, उन टेम्पू में से कुछ कबाड़े के भाव बिके तो कुछ जिन्हें खरीदार नहीं मिले या मालिक का मन बेचने पर राजी नहीं हुआ तो ऐसे कुछ टेम्पू आज भी कहीं कहीं देखने को मिल जाते हैं। उन्हीं टेम्पू में से एक टेम्पू में अब कंडे भरे जा रहे हैं। आसपास रखे कंडे और उन्हीं के बीच कंडे का लॉकर बनकर खड़ा ये टेम्पू इसके पुराने सफर की याद ताजा कर रहा है।

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