गर्भवती माता खून की कमी से बचने के लिए आयरन युक्त फल एवं सब्जियों का प्रयोग अवश्य करें- डा. नीरज सुमन
आदिवासी वस्ती सुरवाया, दादौल एवं लालमाटी में स्वयं सेवी संस्था शक्तिशाली महिला संगठन से स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया
सुपोषण सखी एवम न्यूट्रीशियन चैंपियन को दिए उपहार
शिवपुरी। शक्तिशाली महिला संगठन
टीम द्वारा आदिवासी बहुल ग्राम दादोल एवं सुरवाया में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए गए। जिसमें 60 किशोरी बालिकाओं 45 गर्भवती माताओं एवम् 40 समुदाय की महिलाएं 35 कुपोषित बच्चे एवं 10 बुजुर्ग महिलाओं की जांच की। इसके साथ ही कुपोषित बच्चों को टीफ के पैकेट एवं मल्टीविटामिन सिरप प्रदान की इसके साथ ही आरबीएसके के डॉक्टरों की टीम ने एक बच्चे के दिल में छेद की जांच की जिनको की मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के तहत 5,00,000 तक की सहायता के लिए केस बनाकर तैयार किया जिससे कि बच्चे के दिल में छेद का ऑपरेशन किया जा सके। इसके साथ ही दो किशोरी बालिकाओं के आंख में विटामिन ए की कमी पाए गई, ग्राम दादोल में महिलाओं, किशोरी, बालिकाओं एवं बच्चों में स्किन संबंधी रोग एवं खुजली के 15 केस आए जिनको दवा प्रदान की गई। तीनों स्वास्थ शिविर बहुत लाभदायक रहे एवम् समुदाय को उनके गांव में ही बीमारी का समय पर इलाज मुफ्त मिला। अधिक जानकारी देते हुए रवि गोयल ने बताया कि शक्तिशाली महिला संगठन, महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं बिट्रानिया न्यूट्रीशन फाण्डेशन द्वारा संयुक्त रुप से आदिवासी बाहुल्य बस्ती सुरवाया, दादौल और लालमाटी में कुपोषित बच्चो, गर्भवती एवं किशोरी बालिकाओं के लिए रक्त अल्पता या खून की कमी से बचाव के लिए जागरुकता कार्यक्रम सह स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन शनिवार को किया गया। जिसमें 45 गर्भवती माताओं की जांच एवं 60 किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ की जांच डा. कुणाल राठौर मेडिकल आफीसर जवाहर कॉलोनी एवम् आरबीएसके के डाक्टर नीरज सुमन एवम् डाक्टर बृजमोहन कि टीम के द्वारा की गई। इसी क्रम में शनिवार को लाल माटी, ग्राम सुरवाया एवं दादौल आदिवासी बस्ती में आदिवासी बाल्मीकि समुदाय के लोगो के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया जिसमें कि गर्भवती माताओं को बच्चे को जन्म के तुरन्त बाद स्तनपान एवं 6 माह तक केवल और केवल स्तनपान कराने की सलाह दी गई जिससे कि नवजात का स्वास्थ उत्तम हो और वह बार बार बिमार न पड़े। इसके बाद डा नीरज सुमन एवम् डाक्टर कुणाल ने सर्दी जुकाम खांसी एवम् खुजली से पीड़ित एवं किशोरी बालिकाओ के स्वास्थ्य जांच की। जिसमें अधिकत्तर बालिकाओं एवं गर्भवती माताओं का वजन एवं हीमोग्लोबिन कम पाया गया जिनको आयरन फोलिक एसिड की गोली एवं कैल्श्यियम की गोलियां निशुल्क वितरित की। कुपोषित बच्चो को मल्टी विटामिन की सिरप एवम् एंटीबायोटिक्स की सिरप निशुल्क प्रदान की। इसके साथ डाक्टर सुमन ने बताया कि किशोरी बालिकाओं में साफ सफाई के अभाव में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ सकता है इससे बचने के लिए नियमित अपनी साफ सफाई एवम् हाथो को साबुन से अच्छी तरीके से धोएं। डाक्टर बृजमोहन ने कहा कि साथ गर्भवती माताए आयरन एवं कैल्शियन से भरपूर मौसमी फल एवं सब्जियां का अवश्य अपने खाने में शामिल करें और खून की कमी से बचें। कार्यक्रम में संस्था की सुपोषण सखी लीला आदिवासी एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रवीणा द्वारा किशोरी बालिकाओं को अपने घरों मे पोषण बाटिका लगाने के लिए प्रेरित किया एवं न्यूट्रीश्न चैम्पियन बालिकाओं को पालक, तोरई, लोकी, खीरा, चुकन्दर के बीज वितरित किए। जिससे ये किशोरी बालिकाऐ इन बीजों को अपने अपने घरों में पोषण वाटिका में लगा सकें और आयरन से भरपूर हरे पत्ते दार साग सब्जियां एवं फल का सेवन कर सकें। इसके लिए जागरुक किया। इन तीनों स्वास्थ्य शिविरो में डा नीरज सुमन, डाक्टर कुणाल राठौर मेडिकल आफीसर पीएचसी जवाहर कॉलोनी, डाक्टर बृजमोहन, शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोयल एवम उनकी पूरी टीम, पर्यवेक्षक निवेदिता मिश्रा, आंगनवाड़ी करकर्ताए, एएनएम, न्यूट्रीशन चैम्पियन, सुपोषण सखी पूजा राठौर, नीलम, खुशी, मुस्कान एवं उषा कार्यकर्ता रचना जाटव ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

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