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आदिवासी बाहुल्य ग्राम दादौल में उपभोक्ता दिवस पर हुआ आयोजन

गुरुवार, 24 दिसंबर 2020

/ by Vipin Shukla Mama
आदिवासी बाहुल्य ग्राम दादौल में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर जागों ग्राहक जागों जागरुकता कार्यक्रम आयोजित
ग्रामीणों में अभी भी उपभोक्ताओं के अधिकारों के प्रति जागरुकता का अभाव:- सुपोषण सखी लीली आदिवासी
ग्रामीण क्षेत्रों में सुपोषण सखी एवं न्यूट्रीशन चैम्पियन के माध्यम से ग्रामीणों को उपभोक्ताओं के अधिकारों के प्रति जागरुक करने का अभिनव प्रयोग ग्राम दादौल से शुरुः रवि गोयल, संयोजक, शक्तिशाली महिला संगठन
शिवुपरी । 24 दिसंबर के दिन को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में जाना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता आंदोलन के महत्व और प्रत्येक उपभोक्ता को उसके अधिकारों और ज़िम्मेदारियों के प्रति जागरूक बनाने की आवश्यकता को रेखांकित करना है। स्वयं सेवी संस्था शक्त्शिाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल ने बताया कि 24 दिसम्बर को ही हमारे देश का उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 में लागू हुआ था। इस अधिनियम का उद्देश्य ख़राब सामान, त्रुटिपूर्ण सेवाओं और अनुचित व्यापार परिपाटियां जैसे विभिन्न प्रकार के शोषण से उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करना है। सन् 1986 में इसी दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित हुआ था। परिणामस्वोरूप उपभोक्ताप संरक्षण नियम 1987 में भी संशोधन किया गया और 5 मार्च 2004 को अधिसूचित किया गया था।  भारत सरकार ने 24 दिसम्बर को राष्ट्री य उपभोक्ता  दिवस घोषित किया है  क्योंकि भारत के राष्ट्रमपति ने उसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ताक संरक्षण अधिनियमए 1986 के अधिनियम को स्वीकारा था। इसी अवसर पर ग्राम दादौल में शक्तिशाली महिला संगठन शिवपुरी ने ग्रामीणों को उपभोक्ता दिवस के बारे में जागरुक करने के लिए सुपोषण सखी एंवं किशोरी बालिकाओं को जागरुक किया जिससे कि ये सुपोषण सखी इस मुहिम को आगे ले जा सकें और ग्रामीणों में उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरुकता बढ़े । सुपोषण सखी लीली आदिवासी ने इस अवसर पर कहा कि ग्रामीण क्षेत्रो में अभी भी उपभोक्ताओं के अधिकारों के बारे में कोई खास जानकारी  नही है आज उपभोक्ता दिवस पर संस्था द्वारा हमको उपभोक्ताओं के सरंक्षण के लिए जो भी कानून है उसके बारे में जागरुक करके बहुत अच्छा प्रयास किया है हम इसी जागरुकता मुहिम को आगे लेकर जाएगें। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रवीण सिंह ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण के तहत प्रत्येक उपभोक्ता के कुछ अधिकार है जिनके बारे में जानकारी होना बहुत आवश्यक है  । न्यूट्रीश्न चैम्पियन बबली आदिवासाी ने कहा कि हमारे गांव में कोई भी कुछ भी बेचने आता है तो हम कभी उसकी एक्सपायरी दिनंांक एवं मूल्य नही देखते हमको आज जागरुकता कार्यक्रम में संस्था ने इसके बारे मे जानकारी दी हम आगे से कोई भी सामान खरीदेगें तो उसका बिल एवं उसमें एक्सपायरी दिनांक अवश्य  देखेगें जिससे कि हमारे साथ कोई ठगी न हो । कार्यक्रम में रवि गोयल ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की जानकारी दी  ग्राहकों को क्या करना चाहिए और कैसे जागरूक करना चाहिए। इससे संबंधित जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में अन्त में सुपोषण सखी लीली आदिवासी ने उपस्थित किशोरी बालिकाओं को उपभोक्ताओं के संरक्षण के लिए अन्य लोगों को जागरुक करने का संकल्प भी कराया। कार्यक्रम में सुपोषण सखी श्रीमतली लीला आदिवासी, सुशीला आदिवासी, कल्लो आदिवासी , शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोयल , हेमन्त उचवारे एवं उनकी पूरी टीम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रवीण सिंह, सहायिका भगवती आदिवासी, न्यूट्रीशन चैम्पियन पूजा आदिवासी, बबली, राजनन्दनी, संगीता , कबूला आदिवासी , संजना, कुन्जा , भारती , पूनम एवं वर्षा आदिवाी किशोरी बालिकाओं के साथ समुदाय की महिलाए उपस्थित थी।

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