दिल्ली। महाशिवरात्रि का पर्व आज धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज महाशिवरात्रि पर अंगारक योग 111 साल बाद बना है। इसके पूर्व 1910 में यह योग बना था। ज्योतिष के अनुसार दो ग्रह एक ही राशि में स्थित होते हैं, तब अंगारक योग बनता है। वृषभ राशि के लोगों को विशेष लाभ हो सकता है। मंगल-राहु की जोड़ी वृष राशि में है और इस राशि पर गुरु की दृष्टि भी है। इस कारण प्राकृतिक आपदाओं में कमी आने के योग हैं।
इस तरह कर सकते हैं पूजा
शिवरात्रि पर स्नान के बाद घर के मंदिर में या किसी अन्य मंदिर में शिव पूजा और व्रत का संकल्प लें। दिन भर व्रत रखें और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें। जो लोग दिनभर निराहार नहीं रह सकते वे, दूध, फल और फलों के रस का सेवन कर सकते हैं। शाम को सूर्यास्त से पहले फिर से स्नान करें। किसी मंदिर में या घर पर ही शिवलिंग की पूजा की व्यवस्था करें। सबसे पहले श्री गणेश का ध्यान करें और पूजा की शुरुआत करें। पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखेंगे तो बहुत अच्छा रहेगा। पूजा में शुद्ध जल में थोड़ा सा गंगाजल मिलाएं और शिवलिंग का अभिषेक करें। दूध, दही, घी, शहद और शकर मिलाकर इस पंचामृत बनाएं और पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें। पंचामृत के बाद साफ जल से अभिषेक करें। इसके बाद शिवलिंग पर चंदन, फूल, बिल्वपत्र, धतूरा, सुगंधित सामग्री और मौसमी फल चढ़ाएं। साथ ही गणेशजी और देवी पार्वती की भी पूजा जरूर करें। इन्हें भी वस्त्र, फूल और अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं। देवी-देवताओं के सामने धूप-दीप जलाएं। मिठाई का भोग लगाएं। ऊँ गं गणपतयै नम:, ऊँ नम: शिवाय, ऊँ गौर्ये नम: मंत्र का जाप करें। कर्पूर जलाकर आरती करें। इसके बाद भगवान से पूजा में हुई जानी-अनजानी भूल के लिए क्षमा मांगे। पूजा के बाद प्रसाद अन्य भक्तों को दें और स्वयं भी ग्रहण करें।
ये है शुभ मुहूर्त
आज शिव पूजन के लिए जो समय श्रेष्ठ है उसके अनुसार सुबह 6 बजे से 7.30 बजे तक फिर सुबह 10.30 बजे से दोपहर 3 बजे तक जबकि शाम 4.30 बजे से रात 9 बजे तक शुभ मुहूर्त है।

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