शिवपुरी। साहित्य अकादमी संस्कृति विभाग भोपाल से संचालित पाठक मंच शिवपुरी द्वारा बलिदान दिवस के अवसर पर स्थानीय टूरिस्ट वैलकम सेंटर(पर्यटक स्वागत केंद्र)पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया,जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा जिलाध्यक्ष राजू बाथम, एस डी एम शिवपुरी अरविंद वाजपेयी, पर्यटन संघ अध्यक्ष अरविंद तोमर,एस डी ओ जल संसाधन विभाग एन के पाराशर, तरुण अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, श्रीमती शशि शर्मा, श्रीमती शैलजा लवंगीकर व श्रीमती सुषमा पांडेय पूरे समय उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम वीर भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के चित्र पर अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन पुष्प माला अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।तत्पश्चात अपने उदबोधन में मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष राजू जी बाथम ने कहा कि वीर बलिदानियों की वजह से ही आज हम खुली हवा में सांस ले पा रहे है,उनके बलिदान की वजह से ही हम स्वतंत्र हुए,उनका पुण्य स्मरण करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है,युवाओ को उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानना चाहिए उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र को परम वैभव के शिखर पर ले जाना चाहिए,ऐसे कार्यक्रम निरंतर होने चाहिए। एस डी एम शिवपुरी अरविंद वाजपेयी ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि सकारत्मकता इस समय बेहद आवश्यक है और वह ऐसे कार्यक्रमो से ही बढ़ेगी, महापुरषो की जयंती पुण्यतिथि पर इस तरह के आयोजन से न सिर्फ राष्ट्रभक्ति की भावना प्रबल होती है,वरन बौद्धिक विकास भी होता है,युवाओ को इन महापुरुषों से प्रेरणा लेनी चाहिए।
अतिथियों के उद्बोधन के पश्चात पाठक मंच केंद्र शिवपुरी के संयोजक कवि आशुतोष शर्मा ओज के संचालन भगतसिंह राजगुरु सुखदेव अमर आजाद प्रतापी आज, अंग्रेज हुए थे कंपित जिनसे छोड़ भगे थे तख्तों ताज की पंक्तियों के साथ कवि सम्मेलन का शुभारंभ हुआ, प्रथम कवि के रूप में अजय जैन अविराम ने तन मन धन जीवन अपना, हर कदम राष्ट्रहित धरते है,ये दिव्य दिवाकर वीर पुरुष आत्मा आहूत भी करते है पंक्तियां प्रस्तुत की।अगले क्रम में संजय शाक्य ने टूटकर डाल से में किधर जाऊँगा, पात हु सूखकर में बिखर जाऊंगा, बंधनो से जो छुटा में इस बार तो,फिर चलेगी हवा में उधर जाऊंगा प्रस्तुत की।
उसके बाद कवियित्री उर्वशी गौतम ने खार हिफाजत करते फूलों की अपने,कांटो को ही साथ निभाना होता है प्रस्तुत की। विकास शुक्ल प्रचंड ने थे भगत बारह वरस के देश के प्रति राग था,मौत का तांडव दिखाता बाग जलिया बाग था, और उधम की रगों में जोश फिर बढ़ने लगा,वीर फिर प्रतिकार करने शत्रु पर चढ़ने लगा सभी के समक्ष प्रस्तुत की।
शरद गोस्वामी ने वहसतें नफ़रत जिहालत कत्लोगारत छोड़ दे
अब मेरे प्यारे वतन है से तू अदावत छोड़ दे की प्रस्तुति दी।
राकेश सिंह ने कश्मीर हो या कन्याकुमारी या गोहाटी,चंदन से भी बढ़कर है मेरे देश की माटी की प्रस्तुति दी।
सुकून शिवपुरी ने गुमनाम और खामोश पड़े रहते है,बरसात कड़ी धूप सहते है,या दफ्न किताबो में है किरदारे वतन,या बुत बने सड़को पे खड़े रहते है,सभी को सुना मुग्ध किया।
अध्यक्षीय कवि के रूप में राकेश मिश्रा ने बलिदान दिवस के अवसर पर ,अब हमसब मिल संकल्प करें,सभी भारत माता की खातिर,निज प्राण दान से नही डरे सुना कार्यक्रम को सम्पन्न किया।
अतिथियों व कवियों का स्वागत श्रीमती ज्योति त्रिवेदी, विमल जैन मामा, संजय ओझा, संजय गुप्ता, गोविंद बाथम, दीपेश फड़नीष, रोहित अन्ना, अरमान घावरी, आशिष खटीक, किशन कुशवाह आदि ने किया।संचालन आशुतोष ओज ने तो आभार प्रदर्शन रणजोध सरदार ने किया।
अंत मे सभी ने पुष्प अर्पित बलिदानियों के चित्र के आगे किये।

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