मुरैना। (अजय दंडोतिया की रिपोर्ट) अभी हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में आये ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता बडे महाराज श्रीमंत माधवराव सिंधिया जी की 76वीं जयंती थी। जो ग्वालियर से लेकर शिवपुरी व गुना में मनाई गई लेकिन इस बार मुरैना में कांग्रेसियों द्वारा कैलाशवासी महाराज की जयंती नहीं मनाई गई। राजनीतिज्ञों की मानें तो इसका एक बडा कारण सिंधिया का भाजपा में शामिल होना बताया जा रहा है। जबकि इससे पहले मुरैना शहर ही नहीं बल्कि पूरे जिले भर में बडे महाराज की जयंती धूमधाम से मनाई जाती थी। इस दिन कांग्रेसियों द्वारा अस्पतालों में व गरीब बस्तियों में जाकर मिष्ठान सहित वस्त्रों का वितरण करते थे। राजनीति विशेषज्ञ द्वारा बताया गया है कि आज भी मुरैना में कई ऐसे नेता हैं जिन्हें बडे महाराज द्वारा ही राजनीित में लाया गया और उन्हीं की वजह से आज वह पार्टी में उच्च पदों पर हैं। इसके अलावा मुरैना में पार्टी के लिये बडे महाराज द्वारा भी कई कार्य किये गये जिसका फायदा कांग्रेस पार्टी को आज तक मिलता आ रहा है। लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाते ही पूरे मुरैना जिले के कांग्रेसी बडे महाराज को भूल गए और उनकी जयंती किसी भी जगह नहीं मनाई गई। इसके अलावा बडे महाराज के कट््टर समर्थक कहे जाने वाले नेताजी भी बडे महाराज की जयंती से कोसों दूर रहे व उनकी जयंती नहीं मनाई गई। इससे साफ सिद्ध होता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने का कितना रोष कांग्रेसियों में है यह आज के दिन साफ हो गया जबकि न तो छोटे नेता और ना ही बडे नेता द्वारा उनकी जयंती मनाई गई।

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