शिवपुरी। *नवाब साहब की तलवार चोरी हो गयी।*
लोग झुंड में हवेली पर आकर अफसोस ज़ाहिर करने लगे।
*पहले झुंड के ज्ञानी :* हज़ूर तलवार रक्खी कहाँ थी?
*नवाब :* भई तकिये के नीचे।
*ज्ञानी :* हज़ूर ने गलती कर दी चोर सब से पहले सिरहाना ही टटोलता है, पैरों में रखनी थी
*दूसरे झुंड के ज्ञानी :* हज़ूर तलवार रखी कहां थी?
*नवाब :* भई पैरों में।
*ज्ञानी :* हज़ूर पैरों में पड़ी चीज़ का कहाँ होश रहता है, सिरहाने रखते
शाम तक नवाब साब तंग आ गए, रात को मुल्ला जी आये अफसोस करने।
*मुल्ला जी :* हज़ूर ने तलवार रखी कहाँ थी?
*नवाब :* भाई मैं उसे *मुंह* में डाल कर सोया था।
*मुल्ला जी (सीरियस हो कर) :* हज़ूर ने तलवार का हत्था बाहर छोड़ दिया होगा।
🙃
*यही स्थिति वर्तमान में कोरोना के बारे में सलाह देने वाले व नियम बताने वालों की है*
😂😂
किसी को कुछ पता नहीं
होता क्यों है
हुआ कहां से है
ठीक कैसे होगा ??
बस ज्ञान पेल पेल के सामने वाले को टेंशन दी जाती है।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें