शिवपुरी। गुना, अशोकनगर और शिवपुरी जिले की राजनीति में खासी पकड़ रखने वाले मैनेजमेंट के माहिर फायर ब्रांड नेता विधायक वीरेंद्र रघुवंशी इन दिनों जिस तेजी से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के दिल में उतरते जा रहे हैं यह राजनीतिक हिसाब से एक सुखद संकेत है। वह भी खास तौर पर शायद सिंधिया के लिये। क्योंकि पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह कालूखेड़ा के निधन के बाद से गुना, अशोकनगर और शिवपुरी में एक तरह की कमी नजर आती रही है। बिखरे नेताओं को एक माला में पिरोने का खास फन कालूखेड़ा के पास रहा। उनकी उन नेताओं से भी खूब बनती थी जिनको महल से खुशी हासिल नहीं थी। लेकिन महल के कट्टर समर्थक कालूखेड़ा के रहते कभी महल को कोई नुकसान नहीं हुआ। हम यह तो नहीं कहँगे कि कालूखेड़ा की जगह कोई भर पायेगा लेकिन उसके अलावा भी पूरे इलाके में करोड़ो के काम कराने वाले सांसद सिंधिया को जो महत्व आमलोगों के बीच मिलना चाहिये वह कमी खलती रही है। शायद ब्रांडिंग के मामले में सिंधिया खेमे में कोई ऐसा चमत्कारी नेता नहीं जो फील्डिंग ओर बेटिंग दोनों संभाल सके। कहीं न कहीं वीरेंद्र इस मामले में कद्दावर नेता जान पड़ते हैं। उन्हें सिंधिया के साथ काम करने का लंबा अनुभव है और अब जबकि सफेद कागज पर गिरी स्याही धुलने लगी है तो उनकी सिंधिया से करीबी आने वाले कल का सुखद संकेत जान पड़ती है। इस नए समीकरण से उन नेताओं के पेट में बल पड़ने लगे हैं जो सिर्फ अपनी ब्रांडिंग करने में माहिर हैं। कुछ तो सिंधिया से आगे रहकर अपना नाम दिखाने में रुचि रखते हैं। उनके पास न टीम है और न ही कोई भविष्य की प्लानिंग। ऐसे नेता वीरेंद्र को सिंधिया के करीब देखकर लगातार फ्रेश होते देखे जा रहे हैं मसलन उनका हाजमा बिगड़ गया है। कल सिंधिया के साथ लगातार रहे वीरेंद्र म्याना तक सिंधिया को विदा कर के लोटे। उनके साथ बैजनाथ यादव, हरवीर रघुवंशी भी मौजूद थे। सिंधिया ने वीरेंद्र को खूब वजन दिया।

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