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'17 मिनिट में सम्पन्न हुआ दहेज मुक्त विवाह (रमैनी)'

शनिवार, 10 जुलाई 2021

/ by Vipin Shukla Mama
मानव समाज के लिये अनुपम सन्देश
बदरवास। आज के आधुनिक युग में देखा जाए तो मानव समाज का एक धड़ा ऐसा है जो सिर्फ ताम-झाम व दिखावटी चमक के लिए रुपये को पानी की तरह बहाकर बर्बाद कर देता है, तो वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज के अद्वितीय आध्यात्मिक ज्ञान की विचारधारा से प्रेरित होकर संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा बेहद सादगीपूर्ण, बिना किसी लेनदेन अर्थात दान-दहेज के पूर्णतः दहेज मुक्त विवाह “रमैनी” सम्पन्न किये जाते हैं।
ऐसा ही एक अद्वितीय विवाह आज सम्पन्न हुआ, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्राम व तहसील बदरवास जिला शिवपुरी निवासी संत रामपाल जी महाराज  के अनुयायी जगदीश सिंह जी ने अपनी पुत्री लक्ष्मी  का पूर्णताः दहेज मुक्त विवाह संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी  कैलाश दास पुत्र कल्याण दास कोटिया पटन तहसील मनोहर थाना जिला झालावाड़ राजस्थान के साथ सम्पन्न किया।
इस अद्वितीय दहेज मुक्त विवाह को जिसने भी देखा या इस विवाह के बारे में सुना उसने अपनी जुबां से इस अद्वितीय विवाह की खूब तारीफ बयां की।
बिन फेरे हम तेरे
ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी पर आज सार्थक भी हो गयी सन्त जी के अनुयायियों की उपस्थिति में व सभी देवी-देवताओं और पूर्ण परमेश्वर कविर्देव जी की स्तुति कर ये विवाह(रमैनी) बगर कोई फेरे के सम्पन्न हुआ। वर-वधु ने गुरुवचनों को साक्षी मानकर आजीवन एक-दूसरे का सुख-दुःख में साथ देने का वचन लिया।
प्राचीन काल से मानव समाज पर लगे दहेज़ प्रथा नामक कलंक से मिलेगा छुटकारा।
फिजूलखर्ची पर लगेगा विराम
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का सपना होगा साकार
आज की युवा पीढ़ी के लिए दहेज मुक्त विवाह हैं एक अद्भुत प्रेरणा स्त्रोत।
आयोजकों की मानें तो दहेज़ मुक्त विवाहों (रमैनी) से बाल विवाह व पारिवारिक झगड़ों पर लगेगा अंकुश।
संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयाई अपने गुरुदेव (संत रामपाल जी महाराज जी) के वचनों का पालन करते हुए एक ऐसा विवाह (रमैनी) मानव समाज के सामने पेश कर रहे हैं जो सचमुच में देखने व प्रेरणा लेने के योग्य है। इन दहेज़ मुक्त विवाह ‘रमैनी’ में किसी भी प्रकार का दिखावा जैसे- न डीजे, न बैंड, न बारात, न भात, न मंडप, न फेरे इत्यादि देखने को नहीं मिलते हैं अपितु अपने गुरुदेव परम् संत रामपाल जी महाराज जी के मुख से उच्चरित “17 मिनट की वाणी (जिसे दूसरे शब्दों में रमैणी कहा जाता है )”, को साक्षी मानकर जीवन भर एक दूसरे का सुख-दुख में साथ देने, प्रेम पूर्वक रहने व किसी भी प्रकार की बुराई (जैसे- चोरी- जारी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, बेईमानी, ठगी) न करने का वचन लेते हैं।

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