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'धमाका श्रृंखला': 'बच्चों की शिक्षा कितनी जरूरी' 'ऑनलाइन शिक्षा कितनी प्रभावकारी'

रविवार, 11 जुलाई 2021

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। 'बच्चो के लिए शिक्षा कितनी जरूरी' इस विषय पर 'धमाका श्रृंखला' जारी है। इसी कड़ी में हम 
पांचवा अंक 'ऑनलाइन शिक्षा कितनी प्रभाव कारी' विषय लेकर हाजिर हैं। पूर्व में आपने पढ़ा कि कोबिड़ महामारी आने के बाद से अगर सबसे ज्यादा कोई प्रभावित हुआ है तो वह है शिक्षा क्षेत्र , छोटे बच्चे विगत डेढ़ साल से स्कूल से वंचित हैं, वे घरों में कैद हैं। हालांकि वर्तमान में कोविड-19 का असर हमारे देश में तेजी से कम हो रहा है और संक्रमण की दर भी गिरकर 2% के आसपास हो गई है और और फिर से स्कूल खोलने की मांग तेजी से बढ़ रही है परंतु सरकार कोई रिस्क लेना नहीं चाह रही है उसने सभी स्कूलों को ऑनलाइन शिक्षा ही देते रहने के निर्देश दिए हैं परंतु विगत डेढ़ साल का यह अनुभव रहा है कि ऑनलाइन शिक्षा ज्यादा प्रभाव कारी नहीं रही है। खासकर छोटे कस्बों, गांव में संचार सेवाएं बेहतर ना होने के कारण अधिकांश बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से महरूम ही रहे हैं और इससे बच्चों के बीच असमानता भी बढ़ रही है ।  ऑनलाइन शिक्षा मुख्यता मोबाइल, टेबलेट, लैपटॉप के माध्यम से ली जाती है ।अधिकांश स्कूल ऑनलाइन शिक्षा जूम या गूगल ऐप के माध्यम से ही प्रदान कर रहे हैं । वर्तमान में ऑनलाइन शिक्षा एक नया ट्रेंड बन कर जरूर उभरी है परंतु इसके कई दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं । आंखों में दर्द , सिर दर्द , शारीरिक थकान , आलस्य, चिड़चिड़ापन आदि अनेक व्याधि उत्पन्न हो रही हैं ।ऑनलाइन शिक्षा शिक्षकों के लिए भी एक नया अनुभव है और वह भी अभी इसके साथ तालमेल नहीं मिला पा रहे हैं ।शिक्षक व छात्र के बीच एक भावनात्मक रिश्ता होता है वह ऑनलाइन शिक्षा में  देखने को नहीं मिलता है। पालकों पर भी मोबाइल ,लैपटॉप इंटरनेट डाटा आदि का अतिरिक्त खर्च बढ़ गया है । कुल मिलाकर ऑनलाइन शिक्षा वर्तमान  समय में एक विकल्प तो हो सकता है  परंतु ऑफलाइन क्लास की जगह नहीं ले सकता।  ऑनलाइन शिक्षा ही एक मात्र विकल्प है तो उसे प्रभावी बनाने के लिए आप यह कुछ कदम उठा सकते हैं प्रथम , यदि आर्थिक समस्या है तो बच्चों को मोबाइल या टेबलेट दिलाएं लैपटॉप की आवश्यकता नहीं है । द्वितीय आंखों में पानी आना ,ड्राई आई जैसी समस्या आम बात है ऐसे में कोई अच्छी आई ड्रॉप का इस्तेमाल नियमित रूप से करने से आंखों में राहत मिल सकती है। तृतीय आंखों को आराम पहुंचाने के लिए कुछ विशिष्ट एक्सरसाइज करवाएं ,आंखों पर पानी के छींटे दिन में दो से तीन बार जरूर कराएं, बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एक अच्छा इंटरनेट प्लान लें ताकि बच्चों को पढ़ने में कठिनाई ना आए ।बच्चों को एक अलग कमरे का इंतजाम करें जहां कोई शोर शराबा न हो ।जैसा कि हमने पिछले अंकों में बताया कि बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा में पालकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है l ऐसे में पालकों को क्लास के समय एक मित्र की तरह अपने बच्चों का सपोर्ट करना होगा । परंतु फिर भी शासन को सोचना होगा कि हम कितनी भी बेहतर ऑनलाइन शिक्षा प्रदान कर लें छोटे बच्चों के लिए कहीं से भी यह लाभदायक नहीं है । ऑफलाइन स्कूलिंग को लेकर कोई ना कोई नियम शासन को बनाना होगा और स्कूल में बच्चों को फिर से लाने के लिए गंभीरता से प्रयास करना होगा।आप अपने बच्चों की फ्री काउसिंलिग करा सकते हैं। तो कृपया इस सुविधा का लाभ भी लीजिये। 
बोर्ड के सदस्य हैं- 
 1. अंगद सिंह तोमर बीआरसी शिवपुरी मोबाइल 8085603045
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 2. डाॅ. खुशी खांन
संचालक, दून पब्लिक स्कूल शिवपुरी मोबाइल 
9893313311
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3. शिवा पाराशर, शिक्षाविद 9179762163
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4. शुद्धि शुक्ला, बीएड, शिक्षाविद 8839914259

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