शिवपुरी। मेरा टेसू यहीं अड़ा खाने को मांगे दही बड़ा....हाथों में टेसू लेकर बच्चे घरों से निकल पड़े हैं। दिवाली आने को है और इसी खास मौके पर कर्षना और उसकी टीम गली मोहल्ले में टेसू लिये घूम रहे हैं।आज जब बच्चे तेजी से आधुनिकता की चकाचोंध में खोते जा रहे हैं ऐसे में कर्षना जैसेबच्चे परम्परागत त्योहार के तौर तरीकों को जिंदा रखे हुए हैं। वह अपनी मधुर आवाज में टेसू के दोहे कह सुनाता है।

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