विश्व हाथ धुलाई दिवस पर फक्कड़ कॉलोनी में बच्चों को हाथ धोने के सही तरीके बताए
सुपोषण सखी द्वारा बच्चों के माता-पिता को भी हाथ धोने के बारे में जागरूक किया
शिवपुरी। डाक्टरों का मानना है कि लोग बिना हाथ धोए खाना इत्यादि खा लेते हैं. इससे कई प्रकार की बीमारियां फैल सकती हैं कोरोना संकट के कारण लोगों में हाथ धोने की जागरूकता आयी है. इस आदत को अपनाने से कोरोना के अलावा अन्य कई संक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है. डाक्टरों का मानना है कि लोग बिना हाथ धोए खाना इत्यादि खा लेते हैं. इससे कई प्रकार की बीमारियां फैल सकती हैं. हाथ धोकर कई प्रकार के संक्रामक बीमारियों को मात दी जा सकती है.हर साल 15 अक्टूबर को विश्व हैंडवाशिंग डे मनाया जाता है, इसी उपलक्ष में पकड़ कॉलोनी स्थित बस्ती में एक सैकड़ा बच्चोंके साथ हाथ धुलाई के सही तरीके सुपोषण सखियों के द्वारा सुझाए गए। प्रोग्राम के बारे में जानकारी देते हुए संयोजक शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोयल ने बताया कि कोरोना के चलते इस बार इस दिवस का महत्व काफी बढ़ गया है. विशेषज्ञों की राय है कि घर में प्रवेश करते वक्त इंसान को 30-40 सेकेंड तक हाथ धोना चाहिए ताकि वायरस अगर हाथ में चिपका भी हो तो घर में प्रवेश न करे. इस साल हम सभी ने हाथ की स्वच्छता के महत्व को बखूबी समझा भी है. उन्होंने बताया कि कि, साबुन से हाथ धोने से डायरिया, दस्त, पीलिया जैसे रोगों से बचा जा सकता है. कार्यक्रम में यूनिसेफ के संभागीय समन्वयक अतुल त्रिवेदी द्वारा बच्चों को शौचालय के बाद और भोजन से पहले साबुन से हाथ धोने की आदत को विकसित करने पे जोर डाला। सुपोषण सखी हर्षा कपूर एवं नीलम प्रजापति ने दशहरे के अवसर पर फक्कड़ कॉलोनी में 1 सैकड़ा से अधिक बच्चों के माता-पिता को हाथ धोने के सही तरीका एवं सही समय बताया उन्होंने कहा हाथ धुलने से करीब 80 प्रतिशत बीमारियों से बचा जा सकता है. हाथ धोने के बाद हाथ को कपड़े से पोछना नहीं चाहिए, इसे हवा में सुखाना चाहिए. कोरोना संकट में लोगों के अंदर जागरूकता आयी है, यह निरंतरता बनी रहे तो अन्य संक्रामक रोंगों से बचा जा सकता है. कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों को दशहरा के अवसर पर हमारे अंदर जो बुराइयां हैं उनको दूर करने के बारे में समझाया। कार्यक्रम में फक्कड़ कॉलोनी के बच्चे और किशोर बालिका आशा कार्यकर्ता सुपोषण सखी एवं शक्तिशाली महिला संगठन पूरी टीम उपस्थित थी।

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