बदरवास। ब्राह्मणों ने सदा से ही सनातन संस्कृति की रक्षा की है और समय आने पर अपने प्राणों तक का बलिदान दिया आप सभी सोमनाथ में हुए नरसंहार को पढ़ सकते हैं इतिहास को पढ़ना चाहिए कितने ब्राह्मणों ने अपने शरीर का बलिदान देकर के सनातन संस्कृति को कभी भी नहीं छोड़ा अयोध्या के नरसंहार को पढ़िए अयोध्या का इतिहास पढ़िए ब्राह्मणों ने अपने बलिदान दिए और आप कश्मीर का इतिहास पढ़िए ब्राह्मणों ने अपनी जान देकर के फर्ज निभाया और उन्ही पर आज भी अत्याचार जारी है ब्राह्मणों को हीन दृष्टि से लोग देख रहे हैं इसका क्या कारण है हमारी सोच को किस प्रकार गंदा किया जा रहा है और हमारे आने वाली पीढ़ी भी उसमे फंसती जा रही है ब्राह्मणों के पास समस्त विद्या का भंडार रहा है ना ही कोई वेदों को जानता पुराणों को जानता ना ही मंत्रों को जानता न ही जीवन जीने की क्रियाओं को जानता ब्राह्मणों ने उसको बचा कर के रखा है और उन्ही का अपमान हो रहा है इससे बड़ा कोई पाप नहीं है उनको सम्मान मिलना चाहिए ये हमारा कर्तव्य की उनका सम्मान करें यह प्रवचन लुकवासा के समीप ग्राम पचावली में चल रही भागवत कथा के दौरान ब्रजभूषण महाराज ने अपनी कथा के दौरान दिए और उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति को लोग तोड़ना चाहते हैं उसको समाप्त करना चाहते हैं लेकिन परमात्मा की कृपा से समय-समय पर धर्म की रक्षा हेतु भगवान अवतार लेते हैं आचार्य जी ने कहा सभी को तिलक लगाना चाहिए चोटी रखना चाहिए और संत ब्राह्मणों का सम्मान करना चाहिए आचार्य जी ने कथा प्रसंग में सुंदर सती चरित्र ध्रुव चरित्र आदि का वर्णन किया और शिव विवाह की पावन कथा कही आचार्य ने कहा कि परमात्मा भी लीला करते हैं जिससे लीला गा करके मनुष्य संसार सागर से पार हो जाते मनुष्य को नित्य सत्संग करना चाहिए इस कथा का आयोजन नीलम सिंह दांगी उनका परिवार आयोजित कर रहे हैं कथा 17 नवंबर तक होगी।

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